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कल मनाई जायेगी हरियाली तीज अर्थात छोटी तीज, जाने क्या है शुभ मुहूर्त और कैसे करे पूजा अर्चना, साथ ही जाने क्यों मनाया जाता है हरियाली तीज

करिश्मा अग्रवाल

कल यानी 3 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जायेगी। इसको ‘छोटी तीज’ और ‘श्रावण तीज’ के नाम से भी जाना जाता है। सावन में पड़ने वाली यह तीज सुहागिन स्त्रियों के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण है। हिन्‍दू धर्म की मान्‍यताओं के अनुसार यह त्‍योहार पति के प्रति पत्‍नी के समर्पण का प्रतीक है।

मान्‍यता है कि इस दिन गौरी-शंकर की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सुहागिनों के पति दीर्घायु होते हैं और लड़कियों को मनचाहा वर मिल जाता है। आपको बता दें कि सुहागिन महिलाओं के बीच तीज पर्व का खास महत्‍व है। मान्‍यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्‍त करने के लिए पूरे तन-मन से करीब 108 सालों तक घोर तपस्‍या की। पार्वती के तप से प्रसन्‍न होकर शिव ने उन्‍हें पत्‍नी के रूप में स्‍वीकार कर लिया। तीज पर्व पार्वती को समर्पित है, जिन्‍हें ‘तीज माता’ कहा जाता है।

इस दिन दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास करती हैं। साथ ही इस दिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार करती हैं, जिनमें हरी साड़ी और हरी चूड़‍ियों का विशेष महत्‍व है। दिन-भर स्त्रियां तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं। हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विधान हैं। स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं।

कई जगह पति के साथ झूला झूलने की भी परंपरा है। शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन स्त्रियों को श्रृंगार का सामान भेंट किया जाता है। खासकर घर के बड़े-बुजुर्ग या सास-ससुर बहू को श्रृंगार दान देते हैं। हरियाली तीज के दिन खान-पान पर भी विशेष ज़ोर दिया जाता है। हालांकि इस दिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखती हैं, लेकिन फिर भी बिना मिठाइयों के त्‍योहार कैसा? तीज के मौके पर विशेष रूप से घेवर, जलेबी और मालपुए बनाए जाते हैं। रात के समय खाने में पूरी, खीर, हल्‍वा, रायता, सब्‍जी और पुलाव बनाया जाता है।

हरियाली तीज के दिन व्रत रखा जाता है और पूजा के लिए कुछ जरूरी सामान की आवश्‍यकता होती है। पूजा के लिए काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, जनेऊ, धूप-अगरबत्ती, कपूर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल, घी,दही, शहद दूध और पंचामृत चाहिए । वहीं, इस दिन पार्वती जी का श्रृंगार किया जाता है और इसके लिए चूड़‍ियां, आल्‍ता, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, कंघी, शीशा, काजल, कुमकुम, सुहाग पूड़ा और श्रृंगार की अन्‍य चीजों की जरूरत होती है।

इस प्रकार रखे व्रत

  • सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद मन में व्रत का संकल्‍प लें।
  • सबसे पहले घर के मंदिर में काली मिट्टी से भगवान शिव शंकर, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाएं।
  • अब इन मूर्तियों को तिलक लगाएं और फल-फूल अर्पित करें।
  • फिर माता पार्वती को एक-एक कर सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
  • इसके बाद भगवान शिव को बेल पत्र और पीला वस्‍त्र चढ़ाएं।
  • तीज की कथा पढ़ने या सुनने के बाद आरती करें।
  • अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिंदूर अर्पित कर भोग चढ़ाएं।
    प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत का पारण करें।

जाने कब है शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज की तिथि: 03 अगस्‍त 2019, हरियाली तीज की तिथि आरंभ: 03 अगस्‍त 2019 की सुबह 07 बजकर 06 मिनट से। हरियाली तीज की तिथि समाप्‍त: 04 अगस्‍त 2019 की सुबह 03 बजकर 36 मिनट तक।

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