बापूनन्दन मिश्र
रतनपुरा (मऊ). विकासखंड रतनपुरा से सटे ग्राम अगरपुरा के निवासी संजय चौहान पत्नी संघ चार बेटे बेटियों के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे। संजय चौहान टाइल्स लगाकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे कि अचानक उनके जीवन में एक बज्रपात सा हो गया। यू कह सकते हैं आसमान से बादल टूट कर उनके इस हस्ती खेलती गृहस्थी को ही तहस-नहस कर दिया।
संपत्ति के नाम पर उनकी पैतृक भूमि केवल 6 मंडा ही है, जो उसके भरण पोषण का एक जरिया है। लेकिन उसमें भी तो खाद बीज तथा अन्य प्रकार के खर्च हैं। किस प्रकार अन्न पैदा होगा वह भी चिंता का विषय है। ग्राम प्रधान द्वारा एक शौचालय तथा लाल कार्ड बनवाया गया है, जिससे गेहूं और चावल ला कर अपना जीवन बिता रही है। बात करते-करते मीना देवी जो अपने पति संजय चौहान के बारे में बता रही थी, तो उनके उस पथरीली आंखों से मानो खून के आंसू गिर रहे थे। वह आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। कंपकपाते हुए लफ्जों से बोली अब तो बस एक ही आस है, हम लोगों के जीवन में वो आ जाये तो आजा फिर से मेरी बगिया हरी भरी हो जाए। मेरे बच्चों के सिर पर पिता की छाया हो जाए। मेरा जीवन सुखमय हो जाएगा। मुझे और किसी चीज की आवश्यकता नहीं है। टूटे हुए इस परिवार को सरकार से और भी मदद की आवश्यकता है जिससे अच्छे ढंग से जीवन चल सके।
फारुख हुसैन डेस्क: जर्मनी के अधिकारियों ने कहा है कि एक तेल टैंकर जर्मनी के…
तारिक खान डेस्क: झारखंड के धनबाद में एक निजी स्कूल में प्रिंसिपल के आदेश के…
आफताब फारुकी डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत…
आदिल अहमद डेस्क: बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए शनिवार को उम्मीदवारों की…
सबा अंसारी डेस्क: केरल के पथनमथिट्टा में 18 साल की एक दलित छात्रा के साथ…
शफी उस्मानी डेस्क: हिंदल वली गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइंनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैही के उर्स मुबारक…