बापूनन्दन मिश्र
रतनपुरा (मऊ) विगत कई दिनों से आसमान में घिरी बदली एवं मौसम विभाग द्वारा जारी बरसात की भविष्यवाणी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।ऐसा होना स्वाभाविक भी है कठिन परिश्रम एवं मँहगे बीज, खाद, पानी के बाद तो धान की बालियां दिखी थी और किसान इस आशा में खुश था कि धान की अच्छी पैदावार से उसे अच्छा लाभ होगा।
किंतु अब जबकि धान की फसल तैयार होने को है ,आसमान में कई दिनो से छाई बदली एवं बरसात की आशंका ने किसानों की बेचैनी बढ़ा दिया है।क्षेत्र के किसानों का मानना है कि यदि बरसात हुई तो धान की फसल का चौपट होना तय है।ऐसे में उन्हें दोहरा नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि धान की कटाई के साथ ही उसे चना, मटर, सरसो, आलू आदि फसलों की बुआई भी करनी है।बरसात होने के बाद इसमें विलम्ब होगा।
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