आदिल अहमद
नई दिल्ली: संत रविदास मंदिर तोड़ने के प्रकरण ने देश में काफी चर्चा हासिल किया था। इस मंदिर को गिराए जाने की खबर फैलते ही संत रविदास के अनुयायियों में जबर्दस्त आक्रोश फैल गया और उन्होंने दिल्ली सहित देश के अनेक हिस्सों में प्रदर्शन किया था। इस सिलसिले में अनेक लोग गिरफ्तार किए गए थे। दिल्ली विकास प्राधिकरण ने शीर्ष अदालत के नौ अगस्त के आदेश पर इस मंदिर को गिरा दिया था।
पीठ ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए केंद्र को निर्देश दिया कि निर्धारित स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए एक समिति गठित की जाए। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि मंदिर के लिए निर्धारित जगह के आस-पास कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि नहीं चलाएगा। शीर्ष अदालत ने इस मंदिर को गिराए जाने की घटना के विरोध में आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को उनके द्वारा निजी मुचलका देने पर रिहा करने का भी निर्देश दिया है।
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