आफताब फारुकी
नई दिल्ली. अदालत का फैसला आ चूका है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ ज़मीन मंदिर हेतु देकर मुस्लिमो को अयोध्या में ही 5 एकड़ ज़मीन प्राइम लोकेशन पर मस्जिद हेतु देने का अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा है। अदालत ने यह भी कहा कि रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा। सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी।
तीन महीने के अन्दर बनाये केंद्र सरकार मंदिर हेतु ट्रस्ट
वहीं मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाना होगा। इस ट्रस्ट में एक सदस्य निर्मोही अखाड़ा से भी होगा। अदालत ने कहा कि फिलहाल अधिग्रहित जमीन केंद्र के रिसीवर के पास रहेगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस मामले में 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली 14 याचिकाओं पर आया है। तब हाईकोर्ट ने चार दीवानी मुकदमों पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को 40 दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
आप सुप्रीम कोर्ट का यह पूरा फैसला जो एक एतिहासिक फैसला है. नीचे पूरा फैसला आप ब्लू लाइन को क्लिक करके पढ़ सकते है।
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