संजय ठाकुर
नई दिल्ली. 40 दिनों तक चली सुनवाई के बाद आज मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गंगोई ने बाबरी मस्जिद मसले पर अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में मस्जिद की जगह को हिन्दू पक्ष को देते हुवे सरकार को निर्देशित किया है कि मस्जिद हेतु 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही अलग से दिया जाए। अदालत के आज आये इस फैसले की मुख्य बाते निम्नवत है-
- जहां पर बाबरी मस्जिद के गुंबद थे वो जगह हिन्दू पक्ष को मिली।
- अदालत ने कहा कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पाँच एकड़ अलग उपयुक्त ज़मीन दी जाए।
- ज़मीन पर हिंदुओं का दावा उचित है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर अयोध्या पर एक कार्ययोजना तैयार करने का कहा है।
- पक्षकार गोपाल विशारद को मिला पूजा-पाठ का अधिकार।
- कोर्ट ने कहा है कि बनायी गई ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को शामिल करना है या नहीं ये फ़ैसला केंद्र सरकार करेगी।
- आस्था के आधार पर मालिकाना हक़ नहीं दिया जा सकता।
- निर्मोही अखाड़ा का दावा खारिज।
- बाबरी मस्जिद के नीचे एक संरचना पाई गई है जो मूलतः इस्लामी नहीं थी। विवादित भूमि पर अपने फ़ैसले में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पुरातत्व विज्ञान को नकारा नहीं जा सकता।
- अंदर के चबूतरे पर कब्ज़े को लेकर गंभीर विवाद रहा है। 1528 से 1556 के बीच मुसलमानों ने वहां नमाज़ पढ़े जाने का कोई सबूत पेश नहीं किया गया।
- बाहरी चबूतरे पर मुसलमानों का क़ब्ज़ा कभी नहीं रहा। 6 दिसंबर की घटना से यथास्थिति टूट गई।
- सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड इस स्थान के इस्तेमाल का सबूत नहीं दे पाया।
- बाहरी चबूतरे पर हमेशा से हिन्दुओं का क़ब्ज़ा रहा। ऐतिहासिक यात्रा वृतांतों को भी ध्यान में रखा गया है।
- ऐतिहासिक यात्रा वृतांत बताते हैं कि सदियों से मान्यता रही है कि अयोध्या ही राम का जन्मस्थान है।
- हिन्दुओं की इस आस्था को लेकर कोई विवाद नहीं है। आस्था उसे मानने वाले व्यक्ति की निजी भावना है।
- मस्जिद मीर बाक़ी ने बनाई थी, अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में दख़ल देना अनुचित होगा।