मनोज गोयल
नई दिल्ली. भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को आड़े हाथों लिया है। शुक्रवार को कुआलालंपुर समिट में शामिल होने आए महातिर मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन क़ानून की ज़रूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भारत में सब लोग 70 साल से साथ रहते आए हैं, तो इस क़ानून की आवश्यकता ही क्या थी।
उन्होंने कहा, “लोग इस क़ानून के कारण अपनी जान गँवा रहे हैं। 70 साल से सब साथ रहते आए हैं और उन्हें साथ रहने में कोई समस्या भी नहीं रही है।” महातिर मोहम्मद ने कहा, “मैं ये देखकर दुखी हूँ कि जो भारत अपने को सेक्युलर देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए क़दम उठा रहा है। अगर हम यहाँ ऐसे करें, तो मुझे पता नहीं है कि क्या होगा। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री और अस्थिरता होगी और हर कोई प्रभावित होगा।”
वही दूसरी तरफ भारत ने महातिर मोहम्मद के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एक बार फिर मलेशिया के पीएम ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है। बताते चले कि इसके पहले 24 सितंबर को महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर क़ब्ज़ा कर रखा है। मलेशिया के इस रुख़ को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
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