अब्दुल बासित मलक
यमुनानगर :- यमुनानगर के बिलासपुर ब्लॉक समिति के सदस्य की पत्नी ने पुलिस को पति के अपहरण की सूचना दे दी। समिति के सदस्यों में हंगामा मच गया। अगले ही दिन बिलासपुर ब्लॉक समिति के चेयरमैन का अविश्वास प्रस्ताव भी पास होना था। इससे इसे राजनीति रंग भी दिया जाने लगा। लेकिन पुलिस ने जब जांच की तो मामला ही कुछ और निकला।
ये था मामला
ब्लॉक समिति बिलासपुर में कुल 26 सदस्य हैं। इनमें से 18 सदस्य चेयरमैन महीपाल संधाय व उपाध्यक्ष सविता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। चुनाव को लेकर कई बार सदस्य डीसी से भी मिले। अविश्वास प्रस्ताव को 17 जनवरी को वोट होनी थी। लेकिन एक दिन पहले ही 16 जनवरी की शाम अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्य राजेंद्र कुमार जब अपनी पत्नी व अन्य सदस्य सतीश कुमार के साथ बिलासपुर आ रहे थे तो रास्ते में राजेंद्र का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था।
इन पर लगाए थे आरोप
उनकी पत्नी ने चेयरमैन के बेटे अभिषेक, दो अध्यापकों संधाय के बबलू, मछरौली के यशपाल ढांडा व चौराही के मांगे राम व संधाय के हरपाल पर अपहरण का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। पर्याप्त बहुमत न होने के कारण 17 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। दोपहर को राजेंद्र को नेहरू पार्क के पास छोड़ दिया गया था। 17 जनवरी को ही सदस्य योगेश महेंदीरत्ता ने लघुसचिवालय में अन्य सदस्यों के साथ मिलकर विरोध जताया था। सर्दी में जमीन पर बैठ गए थे। उनके साथ में राजेंद्र की पत्नी भी थी।
मंगलवार को हो गया था फैसला
चेयरमैन महीपाल संधाय के साथ 18 सदस्यों का तीन माह से चल रहा विवाद मंगलवार को खत्म हो गया था। चेयरमैन महीपाल व सदस्यों ने रेस्ट हाउस में हाथ मिला लिया। साथ ही ये भी कहा कि वे कोई केस नहीं चाहते और नहीं उनके मन में कोई शिकवा है। इसके बाद सभी सदस्य अपने घर चले गए।
पत्नी ने ये दिया शपथ पत्र
पुलिस को दिए शपथ पत्र में सफीलपुर वासी राजेंद्र कुमार की पत्नी रेखा देवी ने कहा कि 16 जनवरी कि उनका पति राजेंद्र कुमार दोस्त ब्लॉक समिति सदस्य सतीश की कार से जा रहे थे। राजेंद्र कुमार अजीजपुर कलां के पास पेशाब के लिए कार रोकी। उसके बाद सतीश कुमार को राजेंद्र कुमार दिखाई नहीं दिए। 17 जनवरी को चेयरमैन की कुर्सी के लिए अविश्वास प्रस्ताव की वोट था। जिस कारण काफी खींचातानी का माहौल था। सतीश कुमार को लगा कि राजेंद्र का अपहरण कर लिया गया। जिस पर पुलिस ने चेयरमैन महिपाल संधाय के बेटे अभिषेक सहित दस लोगों पर केस दर्ज किया। 17 जनवरी को राजेंद्र घर लौट आया। उन्होंने आकर बताया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था। अब वह अपनी शिकायत वापस लेती हैं।
सदस्य ने कोर्ट में ये बयान दिए
पंचायत समिति सदस्य राजेंद्र कुमार ने जज विक्रमजीत ङ्क्षसह की कोर्ट में बयान दिए कि वह समिति सदस्य सतीश कुमार के साथ कार में घर जा रहा था। अजीजपुर के निकट वह शौच के लिए गन्ने के खेत में गया। उस समय उसकी मानसिक हालत सही नहीं थी। जिसके चलते वह गन्ने के खेत के अंदर चला गया। सदस्य सतीश ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन न मिलने पर वह उसे छोड़कर चला गया। होश आने पर दोस्त बांसेवाला निवासी नरेश को फोन कर बुलाया। वह उसको बिलासपुर अस्पताल में ले गया। उसका अपहरण नहीं हुआ। वह किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहता।
थाना प्रभारी बिलासपुर रामफल का कहना है कि शिकायतकर्ता ने अपहरण संबंधी अपनी शिकायत वापस ले ली है। जिसके चलते चेयरमैन के बेटे अभिषेक व अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में कोई कार्रवाई नहीं बनती।
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