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लेख – भारतीय संविधान गुणों का सागर हैं

भारतीय संविधान गुणों का सागर हैं इसके साथ साथ भारत का प्राचीन नाम आर्यवर्त था भारत मे दूध दही की नदियां बहती थी भारत विश्व गुरू था भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपनी पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश के एकादश समुल्लास में लिखा है कि भारत के समान पूरी दुनिया में कोई देश नही है।

हमारा आर्यव्रत देश ही सच्चा पारस मणि हैं जिसको लोहे रूपी विदेशी छूटे ही सवर्ण हो गए अर्थात उनकी दरिद्रता भाग गयीं हम भारतीयों को शरीरिक आजादी तो मिली हैं किंतु मानसिक गुलामी आज भी हमारे ऊपर हावी है जब अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिली तो भारत के महान विद्वानों ने अपना संविधान बनाने के लिए प्रसिद्ध विद्वान बीएन राव को विदेश भेजा गया, बीएन राव ने विदेशी संविधानो का अध्ययन किया विदेशी संविधानो की सभी अच्छाइयों को भारतीय संविधान में सम्हाहित किया.

भारतीय संबिधान दो वर्ष 11 माह 18 दिन  में बनकर तैयार हुआ संबिधान का प्रतीक हाथी हैं इसको बनाने में 6396729 रुपये खर्च हुए 26 नवम्बर 1949 को यह संविधान बन कर तैयार हुआ 26 जनवरी 1930 को पण्डित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में राबी नदी के तट पर पूर्व स्वतंत्रता दिवस भारत के महान नेताओं ने मनाया था. अतः सर्वसम्मित से 26 जनवरी 1950 को भारतीय संबिधान लागू हुआ प्रत्येक वर्ष हम भारतीय 26 जनवरी को एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाते हैं. भारतीय संबिधान में किन किन देशों से क्या लिया गया जिसका वर्णन निम्नवत हैं.

1 अमेरिका से मौलिक अधिकार  राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पर महाभियोग

2 ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली एकल नागरिकता विधि निर्माण प्रकिया

3 आयरलैंड से नीति निर्देशक तत्व

4 आस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची प्रस्तावना की भाषा

5 जर्मनी से आपातकाल की व्यवस्था

6 कनाडा से राज्यपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया संघात्मक व्यवस्था

7 दक्षिण अफ्रीका से संबिधान संशोधन प्रक्रिया

8 रूस से मौलिक कर्तव्य

9 फ्रांस से गणतंत्र

10 जापान से कानून द्वारा स्थापित शब्दावली

मूल रूप से भारतीय संविधान में 22 भाग 12 अनुसूची तथा 395 अनुच्छेद हैं परन्तु वर्तमान में हमारे संबिधान में 25 भाग 12 अनुसूचीया तथा 448 अनुच्छेद हैं डॉ भीमराव अंबेडकर को संबिधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया 9 दिसम्बर 1946 को संबिधान सभा की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई तथा भारतीय संविधान लिखने में भारतीय सहयोगी विद्वान सर्व श्री गोपाल कृष्ण अय्यर, मो0 सादुल्ला, an माधव राव, डीपी खेतान, डॉ बीएन राव, तथा डॉ भीमराव अंबेडकर सहित कुल (7) सात महान भारतीय विद्वानों ने भारतीय संविधान का निर्माण किया

1-मूल अधिकार, 1 समानता का अधिकार, 2 स्वतंत्रता का अधिकार, 3 शोषण के विरुद्ध अधिकार, 4 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, 5 संस्कृति तथा शिक्षा का अधिकार, 6 संवैधानिक उपचारों का अधिकार.

भारतीय संविधान के भाग (iv) में अनु0 36 से 51 तक,राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का वर्णन है यह उद्देश्यों को उल्लखित करता हैं जो राज्य को मिलना चाहिए ये तत्व हमारे संविधान की प्रतिज्ञाओं और आकांक्षाओं को वाणी प्रदान करते है यह सिद्धांत देश के प्रशासकों हेतु एक आचार संहिता हैं।

भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संबिधान हैं भारतीय संविधान के द्वारा भारत में संघात्मक शासन स्थापित किया गया है संघातमक होने के साथ साथ एकात्मक संविधान के भी लक्षण मौजूद हैं। सारी शक्तियां हमारे संविधान में समाहित हैं। यह संविधान भरतीयों के लिये प्राण वायु हैं। इस प्रकार हम यह कहते हैं कि भातीय संविधान गुणों का सागर हैं।

लेखक डॉ जितेंद्र स्वाध्यायी, ग्राम-ससना बहादुरपुर, पोस्ट-अखोप, जनपद-बलिया (उ0प्र0) के मूल निवासी है.

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