करिश्मा अग्रवाल
मध्यपूर्व में अमरीका की एक सबसे बड़ी समस्या है, और उसका नाम है मोहम्मद बिन सलमान। एक वक़्त था जब अमरीका के मशहूर समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को अरब का उभरता हुआ नेल्सन मंडेला क़रार दिया था। लेकिन हर दिन के गुज़रने साथ, बिन सलमान ने अपने फ़ैसलों से यह साबित किया कि वह न केवल सऊदी अरब या इस क्षेत्र के लिए बल्कि ख़ुद अमरीका के लिए एक बड़ी समस्या हैं।
मोहम्मद बिन सलमान ने अपने पिता के किंग बनने के बाद से ही समस्त अधिकार अपने क़ब्ज़े में कर लिए और सऊदी अरब को यमन युद्ध जैसी दलदल में धकेल दिया। यमन युद्ध को पांच साल होने वाले हैं और सऊदी अरब अरबों डॉलर के बम यमन की जनता के सिरों पर गिरा चुका है, लेकिन हर तरफ़ विनाश और तबाही के अलावा उसे इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ।
सऊदी अरब में जिस किसी ने भी इस युद्ध को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस के ख़िलाफ़ ज़बान खोलना चाही, हमेशा के लिए उसका मुंह बंद कर दिया। इसी कड़ी में बिन सलमान ने वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले यमन युद्ध के मुखर आलोचक सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या का आदेश दिया।
अक्तूबर 2018 में इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में ख़ाशुक़जी की बहुत ही क्रूर और निर्मम तरीक़े से हत्या कर दी गई। जिसके बाद, सऊदी क्राउन प्रिंस की हर अदा पर मरने वाले अमरीकी मीडिया को होश आया और उसने मोहम्मद बिन सलमान के भेस में एक क्रूर और वहशी तानाशाह देखा, जिसे इस क्षेत्र के लोग पहले ही पहचान चुके थे।
पिछले हफ़्ते इस रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया कि मोहम्मद बिन सलमान ने अमेज़न के संस्थापक जेफ़ बेज़ॉस का मोबाइल फ़ोन हैक करवाया था, जिसके बाद वाशिंगटन पोस्ट की ज़बान को बंद करवाने के लिए उन्हें ब्लैकमेल करने का प्रयास किया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत अगनेस कलामार्ड और डेविड काए ने 22 जनवरी को रहस्योद्घाटन करते हुए कहा था कि वाशिंगटन पोस्ट द्वारा सऊदी अरब की आलोचना को बंद करवाने के लिए बेज़ॉस का फ़ोन हैक किया गया था।
उसके बाद, जासूसी की इस घटना से अधिक पर्दा उठा। संयुक्त राष्ट्र के रहस्योद्घाटन के दो दिन बाद, डेली बीस्ट के स्पेंसर एकरमैन ने एक नया ख़ुलासा किया। अब्दुर्रहमान अलमुतैरी नाम के एक 27 वर्षीय सोशल मीडिया एक्टिविस्ट की ज़बान बंद करने और उन्हें अमरीका से स्वदेश वापस लाने के लिए, एक सऊदी एजेंट ने अल-मुतैरी के पिता के साथ अमरीका की यात्रा की। हालांकि इस साज़िश का भंडाफोड़ हो गया और उन्हें लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक कर वापस भेज दिया गया।
अपने विरोधियों को निशाना बनाना और उनकी आवाज़ ख़ामोश करने के लिए उन्हें जेल की काल कोठरियों के पीछे धकेल देना या उनकी हत्या कर देना, सऊदी शाही परिवार के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन मोहम्मद बिन सलमान के दौर में यह घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं, कि अब उनके समर्थक अमरीकी भी उनका शिकार बन रहे हैं।
आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…
आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…
तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…
फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…
अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शनिवार को फूलपुर में…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर और असम की सीमा के पास जिरी नदी में शुक्रवार को…