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तालेबान के हमले में अमरीकी एयरफ़ोर्स का विमान ध्वस्त, यह मिसाइल तालेबान को ईरान से मिले या चीन से?

आफताब फारुकी

तालेबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने बयान में कहा कि तालेबान ने मध्यवर्ती प्रांत ग़ज़्नी में अमरीकी वायु सेना का एक विमान मार गिराया है और इस घटना में विमान पर सवार सारे लोग मारे गए।

तालेबान के अनुसार विमान पर सीआईए के वरिष्ठ अधिकारी सवार थे। यह घटना अमरीकी राष्ट्रपति और उनके सैन्य अधिकारियों के मुंह पर बहुत ज़ोरदार तमांचा साबित होगी। अमरीकी सैन्य अधिकारियों ने पहले टाल मटोल की मगर बाद में जब तालेबान ने मार गिराए गए विमान की वीडियो जारी कर दी तो अमरीकी अधिकारियों को मानना पड़ा कि उनका एक विमान गिर गया है मगर यह नहीं बताया कि विमान में कौन और कितने लोग सवार थे।

ए11ए प्रकार का अमरीका का यह विमान बेहद आधुनिक विमान है जो दुर्गम इलाक़ों में बड़ी सफलता के साथ इंटेलीजेन्स गतिविधियां अंजाम देता है। तालेबान के हाथों अमरीका का आधुनिक सैनिक विमान मार गिराया जाना बड़ी महत्वपूर्ण घटना है। इससे अमरीका के साथ जारी वार्ता में तालेबान की पोज़ीशन मज़बूत होगी और अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों को बाहर निकाले जाने की अपनी मांग अब तालेबान और भी प्रबल रूप से पेश करेंगे। सवाल यह है कि तालेबान को इस प्रकार के विमानों को मार गिराने वाले मिसाइल कहां से मिले?

इसका एक जवाब तो यह है कि हो सकता है कि ईरान ने तालेबान को यह मिसाइल दिए हों क्योंकि इस समय ईरान से अफ़ग़ान तालेबान के संबंधों में काफ़ी सुधार आ चुका है। हो सकता है कि ईरान ने अपने शहीद कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या का इंतेक़ाम जारी रखते हुए यह क़दम उठाया हो। सवाल का दूसरा जवाब यह है कि हो सकता है कि चीन ने पाकिस्तान के रास्ते यह मिसाइल तालेबान तक पहुंचाए हों।

पेंटागोन के अधिकारियों की समझ में नहीं आ रहा है कि इस घटना पर क्या बयान दें। वह इस बारे में मीडिया को कुछ भी बताने से परहेज़ कर रहे हैं। विमान को मार गिराए जाने का मतलब यह भी है कि अफ़ग़ानिस्तान में लड़ाई अब और तेज़ होगी।

एक रोचक बात यह है कि अमरीकी विमान को मार गिराए जाने की घटना उस समय हुई है जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प फ़िलिस्तीन के बारे में अपनी साज़िश डील आफ़ सेंचुरी की घोषणा करने जा रहे हैं और फ़िलिस्तीनी संगठन कह रहे हैं कि इस्राईल से हर प्रकार की शांति और वार्ता समाप्त करके संघर्ष का रास्ता अपनाना ही समझदारी है।

साभार रायुल यौम

pnn24.in

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