आफताब फारुकी
नई दिल्ली: आफिस से वापस लौट रहे अंकित शर्मा को क्या मालूम रहा होगा कि देश की सेवा करते हुवे यह उनके ज़िन्दगी का आखरी दिन होगा। बड़े अपराधो पर काम करने वाले आईबी अफसर अंकित को शायद इस बात का अहसास नही होगा कि उनकी आखरी साँस दंगाईयो के हाथो शहीद होकर आएगी। दिल्ली हिंसा में खुफिया विभाग के कर्मी की भी मौत हो गई है। बुधवार को चांदबाग में आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के कर्मी अंकित शर्मा का शव मिला है।
शव देख कर आशंका व्यक्त किया जा रहा है कि उनकी पथराव में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया गया। आईबी का अफसर अंकित चांदबाग में निवास करते थे और ड्यूटी से घर लौटा रहे थे। माना जा रहा है कि जब दंगा हुआ तो घर से बाहर निकलकर जानकारी जुटाने लगे होंगे। परिवार ने एक स्थानीय पार्षद पर हत्या का आरोप लगाया है, जो कि ऑफिसर के घर के पास ही रहता है। 25 साल के अंकित आईबी में सिक्योरिटी असिस्टेंट की पोस्ट पर कार्यरत थे।
पुलिस ने शव चांद बाग पुलिया पर नाले से निकाला है। आरोप है कि मंगलवार शाम को जब वह ड्यूटी से घर लौट रहे थे। तभी चांद बाग पुलिया पर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया। उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। इसके बाद शव को नाले में फेंक दिया। परिजन मंगलवार से ही उनकी तलाश में थे। अंकित के पिता रविंदर शर्मा भी आईबी में हेड कांस्टेबल हैं। उन्होंने एक आप नेता के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पिटाई के साथ अंकित को गोली भी मारी गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फैली हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को दी गई है। इसके साथ ही हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को पूरी छूट दी गई है।
बता दें, उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई जिसमें मृतक संख्या बढ़कर 20 हो गई है। पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी। भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे, पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे।
राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई। इस दौरान पथराव किया गया, दुकानों को आग लगायी गयी। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों, रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी।
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