आफताब फारुकी
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए भड़काऊ बयान देने वाले बीजेपी नेताओं के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। सीएए को लेकर दिल्ली में जारी हिंसा पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि सिर्फ तीन वीडियो क्लिप के आधार पर कार्यवाही आगे नहीं बढ़ा रही, पुलिस ऐसी अन्य क्लिप पर भी प्राथमिकी दर्ज करे। कोर्ट ने इस बारे में गुरुवार को अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है।
चार बीजेपी नेताओं में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा, विधायक अभय वर्मा और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के वीडियो अदालत में आज चलवाए गए। कोर्ट में अनुराग ठाकुर का वह वीडियो चलाया गया जिसमें नारा लग रहा है- ‘देश के गद्दारों को गोली मारो।।।’ बीजेपी विधायक अभय वर्मा का वीडियो भी चलाया गया। यह कल शाम का वीडियो है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि क्या वहां 144 लगी हुई थी? पुलिस ने कहा कि नहीं, लक्ष्मी नगर में 144 नहीं लगी थी।
इस पर याचिककर्ता के वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि यह सभी वरिष्ठ नेता हैं। लेकिन इनके बयानों से इनकी नीयत पता चलती है। इन्हें प्राउड होता है अपने इस तरह के स्लोगन पर। लिहाजा कोर्ट को इन लोगों को जेल भेज देना चाहिए। कपिल मिश्रा के वीडियो क्लिप देखने पर हाई कोर्ट ने पूछा कौन सा डीसीपी वीडियो में कपिल मिश्रा के साथ खड़ा है क्या नाम है? इस पर अदालत में मौजूद अधिकतर वकीलों ने कहा डीसीपी सूर्या। बहस के दौरान याचिकाकर्ता ने दिल्ली में आर्मी बुलाने की मांग की। कोर्ट ने कहा ‘अभी हालात देखने दीजिए, ज़रूरत नहीं है।’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर विवादित बयान पर दिल्ली पुलिस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती तो दिल्ली में हिंसा नहीं होती।
सरकारी वकीलों के बीच दिखाई दिया मतभेद
आज बहस के दौरान हाई कोर्ट में सरकारी वकीलों के बीच मतभेद देखने के मिले। दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी कोई आदेश न दिया जाए। जबकि दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील राहुल मेहरा ने कहा कि तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कपिल मिश्रा ने जो स्पीच में कहा, उसका उसके बाद हुई हिंसा की घटनाओं से कोई सीधा वास्ता नहीं है। एफआईआर संजीदा मसला है। उस पर फैसला लेने के लिए बाकी मटेरियल को देखना होगा। इसके लिए और वक्त चाहिए। वही इसके मुखालिफ दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने एसजी तुषार मेहता की दलील का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज न करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता। एफआईआर हर एक संदेह की स्थिति में दर्ज होनी चाहिए। अगर बाद में एफआईआर गलत पाई जाए तो एफआईआर रद्द भी हो सकती है।
वही बहस के दौरान एसजी तुषार मेहता ने सिलेक्टेड स्पीच वीडियो दिखाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह सिलेक्ट किया गया है। दूसरी तरफ के भी वीडियो हैं उसे क्यों नही दिखाया गया। यहां अपना पॉलिटकल एजेंडा पूरा किया जा रहा है। पुलिस के ऊपर तेजाब से हमला हो रहा है, पुलिस को लिंच किया जा रहा है। पुलिस वाले अस्पताल में भर्ती हैं। आज वो दिन नहीं हम जब हम पुलिस पर सवाल उठाएं और कोर्ट पाबंदी लगाए, कुछ सिलेक्टेड वीडियो देखकर फैसला न किया जाए।
इस बहस के शब्दों पर अदालत ने तुषार मेहता के कथन पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आपके शब्द सुनने से ऐसा लगता है कि पुलिस को आप और खराब पोजीशन में ला रहे हैं। राज्य जल रहा है और पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी। सबको बचाना पुलिस का संवैधानिक कर्त्तव्य है। कोर्ट ने कहा कि अब पुलिस से पूछते हैं, पीछे मुड़िए, पुलिस अधिकारी से पूछिए कितने मर चुके हैं? जिस पर एसजी तुषार मेहता ने न्यायधीश से कहा कि आप गुस्सा मत होइए। जज ने कहा कि क्यों गुस्सा नहीं होऊं? आप बताईए अभी तक क्यों एफआईआर दर्ज नहीं हुईं। 15 दिसंबर को एफआईआर दर्ज होना चाहिए थी, आज तक क्यों नही हुई। पुलिस अफसर को बोलने दीजिए। तुषार मेहता आप उनको केवल असिस्ट करिए।
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम यहां से पुलिस डिपार्टमेंट नहीं चला सकते। कोर्ट ने कहा कि क्या बात करते हैं? मेहता ने कहा कि आज नहीं अभी हालात नहीं हैं। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एफआईआर दर्ज न होने पर आड़े हाथ लिया। कोर्ट ने कहा कि वीडियो में देख सकते हैं कि एक पुलिस अफसर खड़े हैं, कपिल मिश्रा के बगल में। जैसी स्पीच दी, क्या उसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी? डीसीपी ने कहा उस समय बड़ी मुश्किल से कपिल मिश्रा को वहां से निकाला। वहां कपिल मिश्रा के जाने के बाद स्थानीय लोग सड़क पर बैठ गए। वहां के हालात उस दिन के खराब थे।
इस पर अदालत ने कहा कि लक्ष्मी नगर के वीडियो के बारे में क्या बोलेंगे? 15 दिसंबर से 26 फरवरी आ गई आप एफआईआर तक नहीं कर रहे हैं? अगर एफआईआर ही नहीं करोगे तो जांच कैसे होगी? किस आधार पर आप आगे बढ़ेंगे। आप एफआईआर नहीं करेंगे तो ऐसी स्पीच और बढ़ती जाएंगी। कोर्ट ने कहा कि आप कमिश्नर को हमारा गुस्सा और नाराज़गी बता दीजिए।
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