फारूख हुसैन
लखीमपुर खीरी= एक ओर सरकार शिक्षा के स्तर को लगातार बढ़ाने का प्रयास कर रही है और शिक्षा के एक नारा भी बहुत जोर शोर से बुंलद हो रहा है कि पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। पर इस स्लोगन का मतलब शायद हमारे शिक्षा कर्मी पूरी तरह से भूल चुके हैं और वह अब हमारे मासूम बच्चों से विद्यालय में शिक्षा नहीं बल्कि मजदूरी करवाने में जुटे हुए हैं। यह सब देखकर लगने लगा है कि अब भारत सरकार के स्लोगन पर शिक्षाकर्मी खुलेआम पलीता लगाते नज़र आ रहें हैं।
छात्रों को स्कूल में पढ़ाने की बजाय सरकार से मोटी रकम पाने वाले अध्यापक अब छात्रों से मजदुरी का काम करा रहे हैं, छात्रो से सामान लदवाने से लेकर लकडी को गाडी से उतरवा रहे हैं, इतना ही नहीं मासूम छात्र अध्यापकों के डर से रोड मे बालु और ईट बिछाने का भी कार्य कर रहे हैं।
बच्चो के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली इस घटना के मद्देनज़र जब हमने इस बारे में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से बात करने की तो अधिकारी कैमरे के सामने बोलने पर कन्नी काट गए। अब समझ में ये नहीं आ रहा है कि कैमरे से कन्नी काट रहे ये अधिकारी क्या खुद को आईनों के सामने खड़ा करके वाजिब जवाब दे सकते है।
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