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बासमती चावल का कारोबार करने वाली रामदेव इंटरनेशनल लिमिटेड के मालिकान भारतीय बैंको का 400 करोड़ लेकर अपनी संपत्ति बेच कर हुआ विदेश फरार

तारिक़ आज़मी

नई दिल्ली: भारत की पूंजी बैंको से लेकर विदेश भागने वालो की सूचि दिन प्रतिदिन लम्बी ही होती जा रही है। खुद को बड़ा उद्योगपति साबित करके बैंको से लम्बी रकम क़र्ज़ लेकर चुकाने के बजाये देश छोड़ कर भाग जाने की कई घटनाओ की अभी याद भी धूमिल नही हुई है कि बासमती चावल का व्यापार करने वाली कंपनी रामदेव इंटरनेशन लिमिटेड के मालिक जो दिल्ली के रहने वाले थे ने कई बैंको से बड़ी उधारी लेकर देश छोड़ दिया है।

हिन्दुस्तान की एक खबर के मुताबिक इस कंपनी के मालिको ने अपनी संपत्ति भी बेच डाली है। रामदेव इंटरनेशन ने कुल 414 करोड़ रुपये बैंकों से उधार लिए हैं। जिसमें 173.11 करोड़ एसबीआई से, केनेरा बैंक से 76.09 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 64.31 करोड़ रुपया, 51.31 करोड़ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से,  36.91  करोड़ कारपोरेशन बैंक से और 12.27 करोड़ रुपया आइडीबीआई बैंक से लेकर फरार हो गया है।

कैचन्यूज़ के अनुसार इस कंपनी के मालिक ने एसबीआई और कुछ दूसरे बैंकों से करीब 400 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन उसके खिलाफ चार सालों तक कोई शिकायत नहीं हुई। अब पता चला है कि मालिक विदेश भाग गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने कंपनी के मालिक और उसके चार निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सीबीआई की जांच में पता चला है यह कारोबारी वर्ष 2016 से लापता है। साल 2016 में ही कंपनी को एनपीए घोषित कर दिया गया था। चार साल बाद बीते फरवरी को एसबीआई की ओर से शिकयत की गई थी। इसके बाद बीते 28 अप्रैल को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सीबीआई ने फिलहाल ने कंपनी और उसके निदेशक, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, संगीत और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें धोखाधड़ी, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। एसबीआई ने कहा है कि साल 2016 में किए गए ऑडिट में पाया गया था कि आरोपी ने खातों में गड़बड़ी की, बैंलेंस शीट में धोखाधड़ी और गैर कानूनी तरीके से प्लांट को हटा और मशीनरी को हटा दिया ताकि गैरकानूनी तरीके से बैंक फंड में लागत को घटाया जा सके। इसके बाद जब बैंक की ओर से जांच की गई तो कंपनी के सदस्य गायब हो गए। बाद में पता चला कि सभी देश छोड़कर फरार हो गए हैं।

वही खबर में एक और दावा किया गया है जिसको जाकर लगता है कि बैंक को एक साल पहले ही इस कारोबारी के फरार होने की जानकारी मिल चुकी थी। इस कारोबारी के ऊपर एक अन्य दूसरी कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में केस दाखिल किया था। यह मामला 30 लाख रुपये भुगतान को लेकर था और अभी भी चल रहा है। इस मामले में ट्रिब्युनल ने रामदेव इंटनेशन के तीन निदेशकों के खिलाफ नोटिस जारी किया। लेकिन इनका कोई पता नहीं चला। साल 2018 में ट्रिब्युनल को बताया गया कि आरोपी निदेशक दुबई भाग गए हैं।

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