फारुख हुसैन
गौरिफंटा. करोना जैसी महामारी को लेकर जहां पूरे देश को लॉक डाउन किया गया है, जिसके कारण बाहर की सभी कंपनियां और कारखाने बंद कर दिये गये। तो वहीं अब मजदूरों को कोई काम धाम ना होने के चलते भूखों मरने की नौबत आ गई, जिसके चलते वह अब अपने घरों को लौटने लगे हैं जिसमें काफी मजदूर पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंचे हैं तो कुछ मजदूर बसों से अपने प्रवास पर जाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जिसके कारण बाहर से आए हुए मजदूरों को कोरोना संक्रमण की संभावना होने के चलते एहितयात के तौर पर लगातार बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूरों को नगर में बनाये क्वॉरेंटाइन सेंटर में चौदह दिनों के लिया रखा जा रहा है। जिससे कि यदि कहीं उनमें कोरोनावायरस का संक्रमण हो तो वह किसी दूसरे में ना फैल सके।
लेकिन ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी का सबब हमारे पड़ोसी देश नेपाल के प्रवासी मजदूर बन गए हैं जो सरकार द्वारा चलाई जा रही बसों के द्वारा लगातार अपने घर पर पहुंचने की जद्दोजहद में जुटे हुए है। जिसमें लखीमपुर खीरी जिले में भी अब हजारों की संख्या में पड़ोसी देश नेपाल के प्रवासी मजदूर नागरिक पहुंच रहें हैं। जो अब खीरी वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं जिसके चलते लगातार अब कोरोना पाजटिव की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है।
जिसमें इससे भी ज्यादा परेशानी लखीमपुर खीरी के इंडो नेपाल बॉर्डर के पलिया क्षेत्र में हो गई है। जिसमें अब तक हजारों की संख्या में नेपाली प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं जहां पर प्रशासन लगातार सख्त नजर आ रहा है। बाहर से आए हुए नेपाली प्रवासी मजदूरों को नेपाल कि सरकार द्वारा ना लिये जाने पर अब वह पलिया तहसील में क्वॉरेंटाइन सेंटर में रोक गए थे।
नेपाली प्रवासी भारत के अलग अलग प्रदेशों में काम कर रहे थे लाक डाउन के बाद प्रदेश सरकारों की मदद से सभी नेपाली प्रवासियों की स्क्रीनिंग कराकर गौरिफन्टा बॉर्डर के पास पलिया तहसील में अलग अलग स्थानों पर सुरक्षित रखा गया, जहां उनको हर मुमकिन सुविधा दी जा रही थी, लेकिन जल्द से जल्द घर जाने की जल्दी में वह लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर से वापस आकर नगर के ही स्टेशन रोड पर जमकर हंगामा करने लगे जहां वह नेपाल सरकार मुर्दाबाद तो मोदी सरकार की जिंदाबाद के नारे लगने लगे। सूचना मिलने पर आनन-फानन में मौके पर पहुंचा पुलिस प्रशासन नेपाली नागरिकों को समझाने का प्रयास करता दिखाई दिया। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे उनका कहना है कि हमें जैसे भी हो हमारे देश पहुंचा दीजिए हम यहां बहुत ही परेशान हो चुके हैं आपकी सरकार हमारे लिए बहुत कुछ कर रही है, हमको घर जाने के लिए बसों की भी फ्री सुविधा दी रास्ते में खाने पीने का है भी इंतजाम किया, लेकिन हम लोग जब भारत नेपाल सीमा के गौरीफंटा सीमा पहुंचे जहां से अपने वतन पहुंच पाते लेकिन वहां हमारी सरकार ने हमें अंदर नहीं लिया और हमें वापस यहां रुकना पड़ रहा है।
जिसके चलते पलिया तहसील क्षेत्र में लगातार नेपालियों का हंगामा जारी है। मौके पर कई थानों की भारी मात्रा में पुलिस फोर्स जमा हो चुकी है और उनको उनके पहुंचाने की कोशिश करती दिखाई दे रही है। नेपाली प्रवासी भारत के अलग अलग प्रदेशों में काम कर रहे थे। लेकिंन सभी नेपाली प्रवासियों को नेपाल जाने की होड़ में आज सभी नेपाली प्रवासियों ने हजारों की संख्या मे इकट्ठा होकर सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद भारी पुलिस बल के साथ सीमा सुरक्षा बल ने नेपाली प्रवासियों को शांती बनाए रखने की अपील की, लेकिन नेपाली प्रवासियों का हंगामा बढ़ते देख उनपर लाठी चार्ज कर उन्हें खदेड़ा गया।
वही पलिया सीओ राकेश कुमार नायक ने बातचीत में बताया की नेपाली मजदूरों को उनके वतन जाने के लिए बसों का इंतजाम कर दिया गया है और अब वह अपने वतन नेपाल जाएंगे जिनकी संख्या 500 है और उधर से भी 500 भारतीय नागरिकों को भेजा जाएगा इस तरह से थोड़े-थोड़े करके या नेपाली नागरिक अपने वतन पहुंच जाएंगे।
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