मो0 कुमैल
कानपुर। कानपुर स्वास्थय विभाग के पेशानी पर परेशानी के बल दिखाई दे रहे है। बड़ी संख्या में दुसरे प्रदेशो से कानपुर आ रहे प्रवासी श्रमिको को लेकर उसकी चिंता जायज़ भी है। वही लॉक डाउन में परदेस में फंसे प्रवासी श्रमिको की भी अपनी मुश्किलें है।
सेंट्रल पर जीआरपी और आरपीएफ जवानों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। रविवार को भी अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन से एक ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची थी। इसमें प्रदेश के 52 जिलों के 1200 से अधिक यात्री आए थे। इन सबके बीच कानपुर शहर रेड जोन में है और यहां रोज नए-नए मामले बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। ऐसे में कानपुर में गुजरात से बड़ी संख्या में इस तरह यात्रियों का आना खतरनाक हो सकता है। कानपुर में इन प्रवासी मजदूरों को उतारकर अलग-अलग जिलों में बसों से भेजने पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि ट्रेन से उतरने वाले यात्री कानपुर और आसपास के कम ही होते हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि ये मजदूर गुजरात में में क्वारंटीन नहीं हुए हैं, बल्कि सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग कराकर इनको ट्रेन से लाया जा रहा है।
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