बापू नंदन मिश्र
रतनपुरा (मऊ) बरसात का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाले काले जामुन अपने बेहतरीन स्वाद एवं औषधीय गुणों के कारण सबके प्रिय होते हैं। यूं तो गर्मी के बाद जैसे ही वर्षा शुरू होती है प्रकृति द्वारा प्रदत्त कई महत्वपूर्ण फल गांव से लेकर बाजारों तक अपनी उपस्थिति से लोगों को आकर्षित करने लगते हैं। इसमें फलों के राजा आम के बाद सबसे महत्वपूर्ण स्थान जामुन का आता है।
जामुन की छाल, पत्तियां, फल एवं गुठली आदि का प्रयोग मनुष्य को कई बीमारियों से बचाता है। मधुमेह, पीलिया, पथरी, बवासीर, लिवर की बीमारी, उल्टी, पेचिश, दस्त मोतियाबिंद तथा त्वचा संबंधी अनेक रोगों में इसके पत्ते, छाल एवं गुठली लाभकारी होते हैं।
जामुन में जल, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण, वसा, कैल्शियम, फास्फोरस, लोहा, विटामिन ए, बी, सी, गैलिक एसिड आदि प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। पके जामुन के प्रति 100 ग्राम गूदे में लगभग 83 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। इसकी गुठली में जम्बोलीन नामक ग्लूकोसाइड पदार्थ होता है, जो शरीर के स्टार्च को शक्कर के रूप में परिवर्तित होने देता है। जिससे मधुमेह रोगियों के लिए यह अमृत समान होता है। इसे खाना खाने के बाद खाना उचित होता है। साथ ही जामुन खाने के तुरंत बाद दूध पीना नुकसानदायक हो सकता है।
आदिल अहमद डेस्क: कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफ़ा देने पर राज्यसभा सांसद…
आफताब फारुकी डेस्क: बीती रात रूस ने यूक्रेन की कई जगहों पर कई मिसाइलों और…
तारिक खान डेस्क: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद और आम…
फारुख हुसैन डेस्क: मणिपुर में शनिवार को हुई हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने…
अबरार अहमद डेस्क: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से शनिवार को फूलपुर में…
माही अंसारी डेस्क: मणिपुर और असम की सीमा के पास जिरी नदी में शुक्रवार को…