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कोरोना काल में पड़े त्यौहार, मंदी की ऐसी मार की फीके है बाज़ार

फारुख हुसैन

लखीमपुर (खीरी)। कोरोना जैसी महामारी को लेकर जहां पूरा देश के हालात पुरी तरह से खराब चल रहे हैं। इस कोरोना वायरस के रोक थाम हेतु किये गए प्रयासों के तहत हुवे लॉकडाउन ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। लोगों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। जिसके कारण लोगो की आर्थिक स्थिति भी पूरी तरह से खराब हो गई है।

देखा जाये तो जहां एक तरफ कोरोना काल से पुरा देश जूझ रहा है तो वहीं इस समय में सावन माह से लेकर रक्षा बंधन और ईद उल अजहा (बकरीद) के त्योहार की भी रौनक फ़ीकी पड़ गई है, मस्जिदों में भी आम दिनों की तरह नमाज नहीं हो पा रही है जिससे मस्जिदों में भी रौनक नहीं है,

वहीं अब कोरोना काल के बीच ईद-उल-अजहा बकरीद के पड़ने से जहां एक तरफ लोगों में मायूसी है, तो वहीं दूसरी तरफ इसका असर बाजारों पर भी पड़ा है। साफतौर पर देखा जा सकता की इस बार बाजारों मे बकरीद हेतु किसी तरह की खरीदारी ना होने से बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दे रहा है। बकरीद के त्यौहार को लेकर ने मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने  बातचीत के दौरान बताया की बकरीद का त्यौहार एक अगस्त को मनाया जाने वाला है, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान लगने वाले लॉकडाउन ने पूरी तरह से हमारी आर्थिक स्थिति खराब कर दी है। हमारी रसोईया भी पूरी तरह से सुनी हो गई हैं।  हमारे घरों में काम करने वाले अब घरों में ही बैठे हुए हैं। उनको कोई भी काम धाम नहीं मिल पा रहा है। लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलने के बाद कुछ आराम मिला था, लेकिन 2 दिन के lock-down में भी काफी फर्क पड़ रहा है। हम अपने घरों में कुर्बानी भी नहीं करवा पा रहे हैं। पहले जहां हम हमारे घरों में धूमधाम से बकरे की कुर्बानी की जाती थी, इस बार हम रुपए ना होने के कारण बकरे की खरीदारी नहीं कर पाए।

तो वहीं दूसरी ओर जारी की गई गाइडलाइन में भी महिलाओं को काफी आक्रोश देखने को मिला क्योंकि गाइड लाइन के अनुसार खुले में कुर्बानी करने से मना किया गया है और यही नहीं खुले में गोश्त लेकर जाने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इस बाबत महिलाओं का कहना है कि हमारे यहां कुर्बानी खुले में नहीं दी जाती है और ना ही कुर्बानी का गोश्त खुला भिजवाया जाता है, और यही नहीं कोरोना के चलते बकरीद के त्योंहार में बकरों की मण्डी लगा करती थी, आज वो भी मण्डी लगने से मना कर दी गई। जिससे मंडी लगने वाली जगह भी वीरान है। जिससे जिनको कुर्बानी के लिए बकरा लेना था वह भी नहीं ले पाए और वह भी कुर्बानी नहीं कर पा रहे है।

उधर मदीना मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती अब्दुल गफ्फार ने लोगों से अपील की है कि वह गाइडलाइन के अनुसार ही कुर्बानी करें और साथ ही सोशल डिस्टेंस भी बनाए रखें। और ईद उल अजहा की नमाज भी अपने घरों में ही सोशल डिस्टेंस बनाकर अदा करें।

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