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डीएम ने की सपा पूर्व विधायिका पर भू-माफिया की कार्यवाही

रॉबिन कपूर

फर्रुखाबाद : जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सपा नेता व पूर्व विधायिका उर्मिला राजपूत निवासी गल्ला मंडी फर्रूखाबाद के विरुद्ध की भू-माफिया की कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज कराने के दिए निर्देश। उप जिलाधिकारी सदर ने जांच आख्या में अवगत कराया कि सपा की पूर्व विधायिका उर्मिला राजपूत जो तत्समय सत्तारूढ़ दल की विधायक थी, ने कदाचित अपने प्रभाव का अनुचित प्रयोग कर वक्फ भूमि 3.65 एकड़ कुल मालियत रुपया (3 करोड़ 30 लाख 31 हजार) को अवैध/कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अपने पक्ष में वसीयत के आधार पर आदेश करा लिया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा पूर्व विधायिका उर्मिला राजपूत के विरुद्ध भू-माफिया की कार्यवाही की गई। साथ ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह भी संज्ञानित हुआ है कि इस भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमिया भी इसी वक्फ की हैं जिसको इसी प्रकार कूटरचित अभिलेखों के आधार पर खुर्दबुर्द किया गया है। उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी ने एडीएम की अध्यक्षता में समिति गठित कर 01 माह में गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के दिये निर्देश हैं।

विदित हो कि एक जमाना था कि जब सपा सरकार में विधायक रहीं उर्मिला राजपूत की फर्रुखाबाद राजनीति में तूती बोलती थी। उर्मिला राजपूत को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को करीबी माना जाता था और उन्ही की सरपरस्ती में फर्रुखाबाद सीट से विधायक का चुनाव जीतकर उर्मिला राजपूत ने जिले में सपा का परचम लहराया था। तब से राजनीति के गलियारे से लेकर शासन तक उर्मिला राजपूत की हनक चलती थी। लेकिन समय ने करवट बदला और उत्तर प्रदेश की फ़िज़ा बदलने के साथ ही सपा का सूपड़ा साफ होने के बीच योगी सरकार बनी तो विरोधी नेताओं के तमाम दबे हुए मामलों को उजागरकर कार्रवाई शुरू हुई तो विरोधी नेताओं के पसीने छूटने लगे और बदले की कार्रवाई बताया जाता रहा।

इसी कड़ी में बीते वर्ष पूर्व सपा विधायिका के बेटे पर सरेआम गुंडगर्दी करने व रंगदारी न देने पर बीच बाजार में फायरिंग कर दो लोंगों के घायल करने के आरोप में सख्त कार्रवाई की गई थी। उसके बाद से ही उर्मिला राजपूत पर सरकार का शिकंजा कसना शुरू हुआ तो आज तक उससे उबर नहींं पायीं। इसके साथ ही उर्मिला राजपूत की राजनीति में बनी हुई छवि को भी ग्रहण लगना शुरू हो गया है।

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