आदिल अहमद
कानपुर। कानपुर का हर एक बाशिंदा हाफ़िज़ हलीम साहब की इज्ज़त करता है। कानपुर की शान अगर गिनी जाये तो पत्रकारिता जगत में जहा हिंदी पत्रकारिता के जनक रहे पंडित जुगल किशोर शर्मा का नाम आयेगा वही शिक्षा जगत में हाफिज मुहम्मद हलीम का नाम बड़े ही अदब के साथ लिया जाएगा। हाफिज हलीम साहब ने अपनी ज़िन्दगी में शिक्षा के ऊपर काफी काम किया। सर सय्यद अहमद खान से मुत्तासिर होकर हाफ़िज़ हलीम साहब ने अपनी ज़िन्दगी शिक्षा के नाम कर दिया था। ज़िन्दगी के आखरी दिनों में उन्होंने अपनी समस्त सपत्ति शिक्षा के नाम किया था जिस संपत्ति पर आज भी हलीम कालेज है।
वही नगर निगम प्रशासन बिना अनुमति के ऐसे पोस्टर लगाकर खुद का प्रचार प्रसार करने वाले पर सख्त नही दिखाई दे रहा है। वही पोस्टर चिपकाने वाला जो भी होगा उसकी इस कमज़र्फ हरकत पर समाज को शर्मिंदगी महसूस हो रही है। मगर उस इंसान को शायद शर्म भी नहीं आई जिसने इस पोस्टर को लगाया है।
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