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वृद्धाश्रम मे मनाया गया विश्व अलजाइमर दिवस

आदिल अहमद

कासगंज – राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा सोमवार को नई हवेली स्थित वृद्धाश्रम मे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विश्वव अल्ज़ाइमर दिवस मनाया गया। इस अवसर पर साइकेट्रिक नर्स अरुण कुमार ने बताया की प्रतिवर्ष 21 सितम्बर को विश्व अल्ज़ाइमर दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उदेश्य बुज़ुर्गो की देखभाल तथा स्वास्थ्य सम्वन्धी अधिकार आदि के बारे मे जागरूक करना है।

बताया कि यह बीमारी मुख्यत: भूलने की बीमारी के नाम से जानी जाती है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षण वृद्धावस्था मे ज़रूरत से ज़्यादा भूलना, एकाग्रता की कमी, बेचैनी के साथ साथ चीज़ों के रखरखाव मे कमी आदि है। यह बीमारी मुख्यत: वृद्धवस्था मे होते है। लेकिन हम लोग इसकी रोकथाम युवावस्था से ही करें, तो कहीं हद तक इस बीमारी को रोका जा सकता है। बहुत सी बीमारियों जिनमे डिमेंशिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, अगर उसी अवस्था मे उनका इलाज किया जाय तो बुढ़ापे मे अल्जाइमर बीमारी होने की कम सम्भवना होती है।

उन्होंने बताया कि इस बीमारी के प्रमुख बचाव के लिए नियमित और अच्छी दिनचर्या, व्यायाम, संतुलित आहार लेना, दैनिक तथा साप्ताहिक स्वास्थ्य परिक्षण करना ज़रूरी है। यदि किसी व्यक्ति को भूलने की आदत बढ़ती जा रही है, तो अल्ज़ाइम की और बढ़ना हो सकता है।  इसमें प्रारम्भिक अवस्था मे व्यक्ति एक या दो महीने मे जो घटनाए हुई है, उनको भूल जाता है। धीरे धीरे 10 से 15 दिन मे जो घटनाएं उसके साथ हुई है, उनको भूलने लगता है। इसके बाद मे पांच से छ दिन पुरानी बातों को भी व्यक्ति भूलने लगता है। फिर चौवीस घंटे की घटना को भी भूलने लगता है। यह अवस्था हल्के लछणों से शुरू होती है, और गंभीर रूप ले लेती है। अर्थात व्यक्ति 1 या 2 मिनट पहले हुई घटना को भूलने लगता है, और उसकी एकाग्रता शत प्रतिशत समाप्त हो जाती है। इसी अवस्था को अल्ज़ाइमर कहा गया है। इसका सम्पूर्ण इलाज सम्भव नहीं है। अस्थयी इलाज अपनी दिनचर्या नियमित करके योग व्यायाम करके तथा मनोचकित्स्क की परामर्श लेकर किया जा सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि इस बीमारी के लोगों को जल्दी से जल्दी से उनके घर वाले उनकी पहचान करें और उनको मनोचिकित्स्क से यथासम्भव परामर्श कराएं और उनकी दैनिक क्रियाओ का ध्यान रखें।

उन्होंने कहा कि इस बीमरी मे बृद्धों के मौलिक अधिकारों का भी ध्यान रखें। जैसे स्वास्थ्य का अधिकार, सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार, और अपनी बात और अभिव्यक्ति रखने का अधिकार आदि अधिकारों का भी बुज़ुर्ग के घर वालों को ध्यान रखना चाहिए। सईकेट्रिक्स नर्स अरुण कुमार  ने बताया कि सरकार के द्वारा बृद्ध लोगों के लिए बहुत सारी योजनए चलाई जा रही है, तथा उनकी उचित क्रियावन्ती भी लोगों को करनी चाहिए। बृद्धों को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार होना चाहिए।

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