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वाराणसी – बिमारी अथवा आर्थिक तंगी, अबूझ कारणों से बुनकर ने किया आत्महत्या

मो0 सलीम

वाराणसी. वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के बड़ी मस्जिद नारे निवासी एक 55 वर्षीया बुनकर जैनुल अब्दीन उर्फ़ लाले ने अबूझ कारणों से आत्महत्या कर लिया है। आज सुबह लगभग 5 बजे जब सुबह-ए-बनारस अपनी अलसाई सुबह के साथ अंगडाई ले रही थी तभी इस बुनकर ने क्षेत्र के एक कुआ में कूद कर आत्महत्या कर लिया है। आत्महत्या किस कारण से किया इसके अलग अलग चर्चा है। मगर कारण स्पष्ट नही है।

घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचारों के अनुसार आज सुबह लगभग 5 बजे के करीब जब लोग घरो से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि पास के कुआ के पास एक चप्पल पड़ी है। शक होने पर लोगो ने कुआ के अन्दर झांक कर देखा तो अन्दर जैनुल अब्दीन उर्फ़ लाले मृत स्थिति में पड़े थे। क्षेत्रीय नागरिको ने शव को कुआ से बाहर निकला। शव की शिनाख्त जैनुल अब्दीन उर्फ़ लाले उम्र लगभग 55 वर्ष के रूप में हुई। इस दरमियान क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई। आत्महत्या की जानकारी क्षेत्र में जंगल की आग के तरह फ़ैल गई।

इसी दरमियान सुचना पाकर मौके पर थाना प्रभारी लोहता विश्वनाथ प्रताप सिंह मय दल बल पहुचे और शव का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आत्महत्या के कारणो की स्थिति अभी भी अबूझ है। जहा क्षेत्रीय नागरिको का कहना था कि कई महीनो से बंद कारोबार के वजह से आर्थिक रूप से जर्जर हो चुके बुनकर लाले कुछ दिनों से बीमार भी थे। बिमारी और आर्थिक तंगी से परेशान लाले ने आत्महत्या किया है।

वही दूसरी तरफ परिजनों की तरफ से बयान देने आये मृतक के साले अब्दुल हक ने आर्थिक तंगी की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि कारोबार बंद सभी का है। तो आर्थिक स्थिति सभी की गड़बड़ है। मगर घर में खाने पीने की कोई समस्या नही है। केवल बिमारी से परेशान थे शायद इसीलिए आत्महत्या कर लिया होगा।

बहरहाल, स्थानीय थाना प्रभारी ने मानवता का परिचय देते हुवे पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार आदि हेतु अपने जेब से कुछ गोपनीय आर्थिक सहायता किया। इस सहायता को भी थाना प्रभारी ने इतने धीरे से किया कि किसी की नज़र न पड़ सके। बताया जाता है कि मृतक पंद्रह साल पहले तक जैतपुर थाना अंतर्गत अलईपुर इलाके में रहते थे। मृतक के तीन संतान है जिसमे दो पुत्री और एक पुत्र है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

क्षत्रिय ग्राम प्रधानपति इम्तियाज़ फारुकी ने सरकार से मृतक हेतु आर्थिक सहायता की गुहार लगाया है। उन्होंने कहा कि मृतक अपने परिवार का एकलौता कमाने वाला व्यक्ति था। दो बेटियाँ छोटी है। एक बेटा बिनकारी का कुछ काम करता है। जिससे परिवार को थोडा सहारा हो जाता था। मुख्य परिवार की आय मृतक पर ही निर्भर थी। अतः जिला प्रशासन को मृतक की आर्थिक सहायता हेतु आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मृतक को सरकार के द्वारा आर्थिक सहायता दिलवाने के लिए मैं स्वयं उच्चाधिकारियों से भेट करूँगा। समाचार लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम हो रहा था।

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