फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी= लखीमपुर खीरी बफर जोन सहित दुधवा टाइगर रिजर्व एरिया में विलुप्त की कगार पर पहुंच गए गिद्धों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। प्रकृति के सफाई कर्मी के साथ खाद्य श्रंखला में अहम भूमिका निभाने वाले गिद्धों को जिले के तराई इलाके में आसानी से देखा जा सकता है। विगत वर्षों में विलुप्त की कगार पर खड़े गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी की खबर से पक्षी प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। पक्षी प्रेमी तराई इलाके में गिद्धों के मनपसंद आशियाने सेमल के पेड़ के हो रहे तेज कटान से व्यथित हैं और उनका मानना है की गिद्ध ऊंचाई पर रहना बैठना पसंद करते हैं।
मामले में मुख्य वन संरक्षक संजय पाठक की माने तो गिद्ध ऊंचे पेड़ों पर पर रहना पसंद करते हैं हालांकि दुधवा और बफर जोन में ऊंचे पेड़ बहुतायत मात्रा में मौजूद हैं जिससे उनको अपना आशियाना बनाने में मदद मिलती है लेकिन अन्य क्षेत्रों में सेमल के पेड़ों के कटान पर सरकार ने प्रतिबंध हटा रखा है। प्राइवेट रूप में किसानों द्वारा खेत के किनारे सेमल के पेड़ लगाए गए हैं जिन्हें बिना परमिशन के किसान अपनी आवश्यकतानुसार काट सकता है मामले में उनके स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती । गिद्धों की संख्या बढ़ना और सामान्यतः नजर आ जाना जिले के पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है कीटनाशक पर लगाम लगाने के चलते गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए सकारात्मक कदम दिखाई पड़ रहा है।
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