रवि पाल
मथुरा। इसको कलयुग कहे या फिर माँ की ममता मर जाने की बात कहे कुछ समझ नही आएगा। एक कलयुगी माँ अपनी फुल जैसी मासूम बच्ची को प्रसव के बाद अस्पताल में छोड़ कर चली जाती है। आखिर उसकी ममता कहा मर गई थी जो इस फुल जैसी दूध मुहि बच्ची को ऐसे लावारिस छोड़ कर चली गई। आखिर उसके दिल में थोडा रहम भी नही आया कि जिस मासूम बच्ची ने अभी अपनी आँख खोल कर दुनिया में किसी को देखा ही नही उसको माँ की ममता से वह महरूम कर रही है।
इसके बाद स्टाफ ने एसएनसीयू के नोडल, डॉक्टर के के माथुर को घटना के बारे में जानकारी दी। नोडल अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्ची को एसएनसीयू में भर्ती कराया। घटना के सम्बन्ध में तत्काल पुलिस को जानकारी दी गई। साथ ही चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष को भी मामले के बारे में बताया। चिकित्सक डॉ के के माथुर का कहना है कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। बच्ची की देखभाल अस्पताल में स्टाफ नर्सों द्वारा की जा रही है।
वही कलयुगी माँ आज पांचवा दिन होने के बाद भी वापस नही आई। उसकी ममता ने उसको झकझोरा भी नही। एक बार भी उसके सीने में रखे पत्थर हो चुके दिल ने उसको आवाज़ नही दिया है कि अपनी मासूम बच्ची को देख भी लेती। शायद उसने उसको नज़र भर देखा भी नही होगा। आखिर उसकी ममता इतनी कठोर कैसे हो सकती है ?
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