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आज है हनुमान जयंती, जाने क्यों मनाई जाती है दो साल में एक बार हनुमान जयंती

डॉ विद्या भूषण मिश्र

आज हनुमान जयंती है। हिन्‍दू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्‍त हनुमान को संकट मोचक माना गया है। मान्‍यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। हनुमान जी के जन्‍मोत्‍सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्‍यता है कि श्री हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजना की कोख से जन्‍म लिया था। हिन्‍दुओ में हनुमान जयंती की विशेष मान्‍यता है। हिन्‍दू मान्‍यताओ में श्री हनुमान को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है।

हनुमान जी का जन्मोत्सव पर्व उत्तर भारतीय भक्तों के द्वारा आज यानी कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। बता दें, कि हनुमान जी का जन्मदिन एक सौर वर्ष में दो बार मनाया जाता है। वो ऐसे कि कर्क राशि से दक्षिण के वासी इनका जन्मदिन चैत्र पूर्णिमा को मानते हैं, जबकि कर्क राशि से उत्तर के वासी हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मानते हैं।

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।

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