आफताब फारुकी
नई दिल्ली। किसान आन्दोलन एक बार फिर खड़ा होता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्ली की सरहदों पर अन्नदाता फिर जुट रहे है। आंदोलन एक बार फिर टिकैत के आंसुओ से खड़ा हो गया है। इस क्रम में गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का हुजूम उमड़ रहा है। इनमें बड़ी संख्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से आने वाले किसान है। हालात बदल चुके है कि जब 26 जनवरी की घटना से पहले गाजीपुर पर पंजाब और उत्तराखंड के किसानों की ज्यादा संख्या थी। इनमें कुछ लोग ही उत्तर प्रदेश से थे, लेकिन अब माहौल बदल गया है। सिख समुदाय के लोगों के साथ यहां बड़ी संख्या में वेस्ट यूपी के किसान भी मौजूद हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील से आंदोलन अब एक नया रूप ले चुका है।
इस क्रम में अब बदलाव की लहर भी दिखाई दे रही है। किसान इस बार खुद सचेत दिखाई दे रहे है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सीमा पर पुलिस की बैरिकेडिंग से करीब 40 मीटर पहले किसानों ने भी एक बैरिकेडिंग लगा दी है। यहां कई किसान वॉलंटियर निगरानी कर रहे हैं। किसी को भी यहां से दिल्ली की ओर जाने नहीं दिया जा रहा है। वॉलंटियर परमवीर सिंह ने बताया कि असामाजिक तत्व किसानों के वेश में बैरिकेडिंग पर पहुंचकर कोई हंगामा न कर दें, इसलिए किसानों ने खुद की बैरिकेडिंग लगाई है। किसान एकता मोर्चा के पदाधिकारियों से यह कार्य करने का आदेश मिला है। उधर, पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दिल्ली की ओर से किसी को भी गाजीपुर बॉर्डर नहीं आने दिया जा रहा है। बॉर्डर चारों तरफ से सील किया गया है। हालांकि, गाजियाबाद में मोहन नगर के रास्ते से किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं।
सिर्फ गाजीपुर सरहद नही बल्कि दिल्ली के सिंघु सरहद पर भी किसानो का जमकर जमावड़ा हुआ है। यूपी और हरियाणा में खाप पंचायतों के निर्णय के बाद एक बार फिर से सिंघु बॉर्डर पर जनाधार बढ़ने लगा है। यहां न सिर्फ पंजाब के किसान इकट्ठा हो रहे हैं बल्कि, हरियाणा की ओर से भी बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर बॉर्डर पर पुरानी तस्वीर ताजा हो गई है। रविवार को सरहदी राज्यों से आने वाले किसानों का सिलसिला जारी रहा। इसमें हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के किसान शामिल रहे। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर रखा है, लेकिन इसके बाद भी किसान विभिन्न गांवों से रास्ता बना कर आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इसको देखते हुए पुलिस ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी है।
सिंघु बॉर्डर पर लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए पुलिस ने करीब चार किलोमीटर पहले ही जर्सी बैरियर के साथ लोहे के तार लगा दिए हैं। यहां तीन परत की बैरिकेडिंग की गई है। अर्द्धसैनिक बल की एक कंपनी को यहां तैनात कर दिया गया है। रविवार को भी यहां कई ट्रक जर्सी बैरियर लाए गए और मुख्य मंच से करीब 500 मीटर की दूरी पर लगा दिए गए। मौके पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बॉर्डर पर लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते आलाकमान ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस वजह से मंच के आसपास सुरक्षा के अधिक बंदोबस्त किए जा रहे हैं। असामाजिक तत्वों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।
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