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लखनऊ – लगातार तीसरे साल गन्ना मूल्यों में नही हुई कोई बढ़ोतरी

तारिक खान

लखनऊ। किसान गन्ना मूल्य में वृद्धि की उम्मीद संजोए हुए थे। मगर लगातार तीसरे साल उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में कोई परिवर्तन नही किया है। लगभग दो माह देरी से गन्ना मूल्य घोषित होने के बावजूद रेट यथावत रहने से किसानों की उम्मीदों को एक झटका लगा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार देर शाम पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य की घोषणा कर दी है जो पिछले वर्ष के मूल्य पर ही है।

लगातार तीसरे साल गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं की गई है। पिछले पेराई सीजन की तरह सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 315 रुपये और अगेती प्रजाति का 325 रुपये कुंतल निर्धारित किया गया है। अस्वीकृत प्रजाति का गन्ना मूल्य 310 रुपये क्विंटल रहेगा। मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने पहले साल सत्र 2017-18 में गन्ने के राज्य परामर्शी मूल्य (एसएपी) में 10 रुपये की वृद्धि की थी। तब अस्वीकृत, सामान्य व अगेती प्रजाति के लिए क्रमश: 310, 315 और 325 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य घोषित किया था। गन्ना पेराई सत्र 2018-19 और 2019-20 में भी राज्य परामर्शी मूल्य यथावत रहा। इस बार पेराई सीजन 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य की घोषणा बहुत विलंब से हुई है।

अक्तूबर माह के आखिर में गन्ना पेराई प्रारंभ हो गई थी। गन्ना मूल्य रविवार को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन तय किया गया है। इस बार किसान गन्ना मूल्य में वृद्धि की उम्मीद संजोए हुए थे। लगभग दो माह देरी से गन्ना मूल्य घोषित होने के बावजूद रेट यथावत रहने से किसानों की उम्मीदों को झटका लगा है।

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