तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के लक्सा थाना क्षेत्र के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अनिल यादव पट्टी का गैंग दिन प्रतिदिन बड़ा होने की जानकारी सूत्र दे रहे है। सूत्र बताते है कि नवजवान लडको के बीच अपनी हनक बनाये हुवे पट्टी के गैंग के गुर्गे अक्सर औरंगाबाद में एक चाय की दूकान पर अड़ी लगाये देखे जाते है। सूत्रों की माने तो पट्टी अब हिस्ट्रीशीटर से माननीय प्रधान जी बनने की तयारी में लगा हुआ है। वह फुलपुर की एक सीट से चुनाव की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों की माने तो इस दरमियान अनिल यादव पट्टी फूलपुर ही रह रहा है। वह रात-बिरात अपने घर के आसपास अपने गुर्गो से मिलने के लिए आता जाता रहता है। सूत्रों की माने तो अनिल यादव पट्टी अपना गैग बड़ा कर रहा है और नवजवान लडको को और भी इकठ्ठा करने का काम उसने नई सड़क के एक कपडा कारोबारी अपने दोस्त और गैंग के युवक को दे रखा है। सूत्रों की माने तो उसके गैंग के लड़के शाम से ही औरंगाबाद से लल्लापूरा जाने वाली गली के पहले एक चाय की दूकान पर अड़ी लगाते है।
सूत्रों की माने तो अपने गैंग के इन मनबढ़ लडको का प्रयोग वह अपने चुनाव में कर सकता है। क्योकि अनिल पट्टी हर कीमत पर ये चुनाव जीतना चाहेगा। इस चुनाव के जीत से उसके ऊपर हिस्ट्रीशीट वाला काला धब्बा सफ़ेद खादी के पीछे छिप जायेगा। वही अनिल पट्टी अपने गैग के लडको का जमकर ख्याल भी इस दरमियान रख रहा है। सूत्रों के अनुसार उनके पीने खाने की व्यवस्था पूरी तरफ से उसके निगरानी में हो रही है।
अनिल यादव पट्टी औरंगाबाद निवासी पवारू यादव का बेटा है। शरू से मनबढ़ अनिल यादव पट्टी बचपन से ही मारपीट और रंगबाजी के जलवे में रहता था। इसका सबसे पहले लक्सा थाने में दर्ज हुवे एक लूट के मामले में वर्ष 2013 में आया था। इसके बाद इसने अपराध में मुड़कर नही देखा और वर्ष 2014 में सिगरा थाना क्षेत्र में हुई एक हत्या में इसका नाम आया। फिर अवैध असलहा प्रकरण और हत्या के प्रयास में भी ये सिगरा थाने से जेल गया। अवैध असलहा, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे 7 मामलो में अब तक जेल जा चूका अनिल यादव पट्टी के ऊपर लक्सा से 2, सिगरा से 4 और लंका से 1 मामला दर्ज है।
सबसे नाटकीय इसकी गिरफ़्तारी वर्ष 2019 में लंका थाना क्षेत्र में हुई थी। अनिल यादव पट्टी के द्वारा असलहा सप्लाई करने की जानकारी मिलने के बाद वाराणसी पुलिस अनिल यादव पट्टी को तलाश रही थी। तत्कालीन क्षेत्राधिकारी चेतगंज के साथ थाना चेतगंज और थाना सिगरा की पूरी पुलिस टीम अनिल यादव पट्टी की सुरगाशी में लगी हुई थी। इस दरमियान अनिल यादव पट्टी तत्कालीन चितईपुर चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह एक हत्थे पड़ गया। उस समय अनिल पट्टी के पास से एक पिस्टल और एक कारतूस बरामद हुआ था।
प्रकाश सिंह द्वारा अनिल पट्टी को गिरफ्तार किये जाने के बाद कई थानों की फ़ोर्स के साथ अनिल पट्टी के घर की तलाशी लिया गया। मगर पुलिस को और अधिक सफलता नही मिल सकी थी। सूत्र बताते है कि अनिल पट्टी के गिरफ़्तारी की जानकारी उसके गुर्गो को हो गई थी और उन्होंने उसका असलहा तुरंत घर से हटा दिया था। वही शातिर अनिल पट्टी ने पुलिस के सामने अपना मुह नहीं खोला था।
अनिल पट्टी इसके बाद जेल से छूटने के बाद से लक्सा थाने के द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था। इसके अतिरिक्त अनिल पट्टी दुबारा चर्चा में तब आया जब पिछले वर्ष एक कुख्यात अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ और उसका साथी फरार हो गया था। फरार अपराधी अनिल यादव था। इधर अनिल यादव पट्टी ने तुरंत दुसरे दिन खुद की ज़मानत तुडवा कर जेल जाना पसंद किया। कुछ समय बाद फरार अनिल यादव पकड़ा गया तो अनिल पट्टी ने अपनी ज़मानत करवा लिया। सूत्र बताते है कि इसके बाद अनिल पट्टी फूलपुर में रहकर जहा चुनाव की तयारी कर रहा है। वही गोपनीय तरीके से वह रात को आकर अपने गुर्गो का हालचाल भी लेता रहता है।
सोनिया बियरशाप पर हुआ था पिछले रविवार को इसके गुर्गो का विवाद
अनिल यादव पट्टी के गुर्गो का धीरे धीरे अपना वर्चस्व वाराणसी के औरंगाबाद और सोनिया इलाके में बढ़ता जा रहा है। अक्सर इनके विवाद हुआ करते है। सूत्रों की माने तो ताज़ा मामला सोनिया बियर शाप पर बीते रविवार को हुआ था जहा इसके गुर्गो का बियर शाप पर किसी अन्य युवक से पंगा हो गया था। इस समाचार के साथ लगा वीडियो उस विवाद के कुछ लम्हों का है। सूत्र बताते है कि इस जगह पर किसी एक युवक ने कट्टा भी लहराया था। मगर तभी पुलिस के आने से मामला रफादफा हो गया था और पट्टी के गुर्गे मौके से भाग गए थे।
इनामिया बदमाश दीपक वर्मा से भी रह चूका है काफी करीबी दोस्ताना – सूत्र
पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस को इस बात की जानकारी है कि अनिल पट्टी का काफी करीबी दोस्ताना कुख्यात शूटर और एक लाख का इनामिया बदमाश दीपक वर्मा से भी रह चूका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को इस बात की भी पूरी आशंका है कि अनिल पट्टी अभी भी दीपक वर्मा के सम्पर्क में रहता होगा। मगर पुलिस के तफ्तीश में इसने हमेशा मना किया है। पुलिस सूत्र बताते है कि जब भी इसको पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो तत्काल इसके सफेदपोश संरक्षणदाता भी मामले में इसकी पैरवी करने आ जाते है और हंगामा खड़ा करने लगते है। शायद यही कारण है कि पुलिस अभी तक इसके और दीपक वर्मा के बीच की कड़ी नही जोड़ स्की है।
फूलपुर में चुनाव के दरमियान चौकसी की ज़रूरत
सूत्रों की माने तो फूलपुर में होने वाले पंचायत चुनाव के दरमियान अनिल पट्टी के गुर्गे इसको जिताने के लिए बनारस से इसके चुनाव क्षेत्र जायेगे। इस दरमियान इलाके में शांति व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। जिसके लिए पुलिस को कड़ी चौकसी करने की ज़रूरत है।
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