मो0 कुमैल
लखनऊ। आप बेशक सोच रहे होंगे कि आखिर कोई इंसान के अन्दर से इन्सानियत क्या इतनी मर जाती है कि किसी मर्ज़ से तड़पते इंसान से भी वो मुनाफाखोरी करना शुरू कर दे। मगर ये हकीकत है। जिस दवा के लिए लोग मारे मारे फिर रहे है ये मुनाफाखोर उस दवा को भी नकली बना कर बेच रहे है। मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है जहा अलग अलग छापेमारी में कुल 14 लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया गया। ये लोग नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का कारोबार कर रहे थे। ये सभी मानकनगर, नाका, अमीनाबाद और गोमतीनगर थाना क्षेत्रों में कार्रवाई के दौरान पकड़े गए है। आरोपियों में केजीएमयू के लारी, क्वीन मेरी के कर्मचारी, नर्सिंग छात्र, निजी अस्पताल मालिक और दो दवा व्यापारी हैं। इनसे 272 इंजेक्शन और करीब तीन लाख रुपये बरामद हुए हैं। कई जिलों में इनका नेटवर्क है।
एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक मानकनगर पुलिस ने चार लोगों से 91 इंजेक्शन बरामद किए। आरोपियों में केजीएमयू से नर्सिंग तृतीय वर्ष का छात्र सुल्तानपुर के अलीगंज मुसाफिरखाना का विकास दुबे, सीतापुर से डीफार्मा की पढ़ाई पूरी कर चुका कौशल शुक्ला है। वह सीतापुर रोड स्थित हसनगंज के खाता में रहता है। केजीएमयू के लारी की ओटी में टेक्नीशियन सोनभद्र के पन्नूगंज गेदी का अजीत मौर्य और क्वीनमेरी में स्टाफ नर्स बलरामपुर के शंकरपुर के राकेश तिवारी को भी दबोचा गया है। इनसे स्कूटी और 5250 रुपये मिले हैं।
एक अन्य छापेमारी अमीनाबाद इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय ने नजीराबाद चौकी के पास किया। इंजेक्शन की डिलीवरी देने आए सआदतगंज के कश्मीरी मोहल्ले के आमिर अब्बास और यहियागंज के सौरभ रस्तोगी को इस छापेमारी में पकड़ा गया। इनसे 11 नकली इंजेक्शन और 39 हजार रुपये मिले। आमिर का बाजार खाला में मेडिकल स्टोर है और सौरभ पुरानी मेडिसिन मार्केट में दवा का काम करता है। बताया कि उन्हें दवा कंपनी का एमआर इंजेक्शन देता था। इंजेक्शन को फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा गया है।
नाका पुलिस ने चारबाग मेट्रो स्टेशन के पास डिलीवरी देने आए केजीएमयू के संविदाकर्मी गोण्डा के रामसागर समेत चार को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते दबोचा। इनसे 116 नकली इंजेक्शन, 1,94,310 रुपये और तीन बाइकें बरामद कीं। एडीसीपी पश्चिमी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपितों में स्कोप हॉस्पिटल का कर्मचारी राजाजीपुरम सेक्टर-ई निवासी अमनदीप मदान, मोहनलालगंज बनियाखेड़ा का अंकुर वैश्य, हरदोई के संडीला का अंशु गुप्ता है। रामसागर और अमनदीप को इंजेक्शन की सप्लाई बाराबंकी का रितांशु मौर्या करता था। शातिर एक इंजेक्शन 25 हजार रुपये में बेचते थे। ये फोन पर रोटी और लंच बाक्स के कोडवर्ड में बात करते थे। चार इंजेक्शन की डिलीवरी देनी होती थी तो कहते थे कि लंच बॉक्स में चार रोटी चाहिए। इंजेक्शन जांच के लिए भेजकर सरगना की तलाश की जा रही है।
रेमडेसिविर की कालाबाजारी में गोमतीनगर पुलिस ने सीतापुर रोड स्थित हर्षा हॉस्पिटल के मालिक शहजाद अली सहित चार को गिरफ्तार किया। आरोपियों में काकोरी के दुबग्गा का सचिन रस्तोगी, फरीदीपुर का कृष्णा दीक्षित, ठाकुरगंज बर्फखाना के पास रहने वाला रितेश गौतम है। इनसे 54 इंजेक्शन और 51,400 रुपये बरामद किए। प्रभारी निरीक्षक केशव कुमार तिवारी के मुताबिक एमआर कृष्णा और रितेश 1500 रुपये में मिलने वाला इंजेक्शन बिचौलिये सचिन को 6000 रुपये में देते थे। वह इसे शहजाद अली को 10,500 में देता था। वह अपने मरीजों से एक इंजेक्शन के 20 हजार रुपये वसूलता था।
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