तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी के रोहनिया थाना परिसर में एक महिला भाजपा नेता द्वारा आन ड्यूटी पुलिस हेड कांस्टेबल को थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना दिनांक 5 अप्रैल की बताई जा रही है। इस वीडियो को ट्वीटर पर पोस्ट करते हुवे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने जब उत्तर प्रदेश पुलिस को संज्ञान दिलवाया तो वाराणसी पुलिस ने उस पोस्ट पर थाना प्रभारी रोहनिया प्रवीण कुमार राय का बयान पोस्ट किया कि प्रकरण में दोनों पक्षों के तरफ से तहरीर पर मुकदमा दर्ज हो चूका है। विवेचना प्रचलित है।
अब दूसरी तरफ वायरल वीडियो पर आते है। वायरल हो रहे वीडियो में एक महिला अपने साथ कई अन्य पुरुष साथियों को लेकर पुलिस वालो से झकझक कर रही है। इस दरमियान उस महिला नेता के साथ आये अन्य साथी के शब्द अभद्रता वाले भी रहते है जो वीडियो में साफ़ सुने जा रहे है। कोई एक युवक उस महिला नेता को टोकता भी है तो वह कहती है “भाई चुप।” इसके बाद बातचीत के दरमियान कुर्सी पर बैठे हेड कांस्टेबल को वह ज़ोरदार थप्पड़ रसीद कर देती है। अब अगर तहरीर, वीडियो और थाना प्रभारी रोहनिया के बयानों को मिला कर देखे तो दोनों अलग अलग घटना हुई। अगर पहली अपराध संख्या 210 के आरोप सही है तो फिर हेड कांस्टेबल पहले अखरी पर मार खाता है फिर उसके बाद वापस थाने में थप्पड़ खा जाता है।
अब सवाल ये उठता है कि एक वर्दी में पुलिस वाले को ओन ड्यूटी थप्पड़ मारा जाता है। थाना परिसर में कई अन्य पुलिस वालो के सामने। ये सभी पुलिस कर्मी की गवाही के अलावा इस घटना का पूरा वीडियो भी है जो वायरल हो रहा है। तो फिर आखिर महिला भाजपा नेता पर कोई कार्यवाही क्यों नही हुई ? क्या थाना प्रभारी रोहनिया के द्वारा मामले में भाजपा महिला नेता के द्वारा किये गए इस प्रकरण को दबाया जा रहा है। क्या इस तरीके से सार्वजनिक रूप से थप्पड़ खाने के बाद पुलिस का इकबाल सलामत रहेगा। सवाल काफी अनसुलझे है। क्या सत्ता पक्ष की हनक है जो इस मामले को थाना प्रभारी के द्वारा दबाया गया। क्या सम्मान उस पुलिस कर्मी का नही है।
अब आते है आरोपों पर भी। महिला भाजपा नेता ने आज कचहरी परिसर में कुछ मीडिया कर्मियों को अपने बयान दिए। यह बयान हमारे एक सहयोगी ने हमको उपलब्ध भी करवाए। महिला भाजपा नेता के द्वारा अखरी रोड पर हुई घटना का भी वीडियो प्रदान किया गया और थाना परिसर का भी वीडियो प्रदान किया गया। दोनों वीडियो पर भी तनिक बात कर लिया जाता है। अखरी रोड पर मारपीट की घटना वीडियो में साफ़ दिखाई दे रही है। साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है कि एक युवक पुलिस वालो से कुछ झंझट कर रहा है तभी उस युवक को पुलिस वाला थप्पड़ मारता है। इसके बाद वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि वह युवक कुछ उठाने के लिए गालियाँ देता हुआ दौड़ता है और पुलिस वाले उसको पकड़ने को दौड़ते है तभी वीडियो कट हो जाता है। इस प्रकार अब केवल आगे का अनुमान ही लगाया जा सकता है क्योकि वीडियो अपने आप में अधुरा है।
भाजपा नेता ने उस मारपीट को थाने पर हुई घटना से जोड़ कर बयान दिया है। वैसे वायरल होते हुवे वीडियो में और महिला भाजपा नेता के द्वारा दिए जा रहे बयान में काफी विरोधाभास है। जिस तरीके का आरोप महिला भाजपा नेता द्वारा अपने बयान में लगाया जा रहा है वैसे तो वायरल होते हुवे वीडियो में कही नही दिखाई दे रहा है। वायरल होते हुवे वीडियो को आप महिला भाजपा नेता के बयान से मिला कर देख ले। वैसे ये बयान उन्होंने जिला मुख्यालय पर कुछ पत्रकारों को दिया है। जिसमे वह कह रही है कि मैंने मारा नही है सिर्फ साइड धक्का दिया है। अब बैठे हुवे इंसान को धक्का दिया तो थप्पड़ मारना किसको कहते है ? वैसे जब नेता जी बयान दे रही थी तो कोई सवाल उठाने वाला पत्रकार नही था। अन्यथा ये सवाल तो बनता है कि वायरल हो रहे वीडियो में आपको ही तैश में देखा जा रहा है जबकि हेड कांस्टेबल आराम से कुर्सी पर है। अचानक थप्पड़ चलता है और आपके साथ ही आये लोग आपको हटाने लगते है। वीडियो जब आप थाने से निकल कर सड़क पर आ गई तब तक का है। भाई तहजीब से बोलना पड़ेगा वरना नेता जी को जलाल आ गया तो जब वो पुलिस वाले को थाने के अन्दर थप्पड़ मार सकती है तो फिर हम लोग क्या मायने रखते है। नेता जी का ये बयान जिला मुख्यालय वाराणसी के हमारे एक सहयोगी ने प्रदान किया है।
अब सवाल वैसे तो पूछना मना रहता है। मगर फिर भी सवाल ये उठता है कि क्या सत्ता खुद की है तो इन्साफ भी खुद ही करने की अनुमति मिल गई है। चले मान भी ले कि पुलिस वाले ने अखरी पर उस युवक से मारपीट किया और उस युवक ने कुछ भी नही किया। मगर फिर भी क्या सत्ता पक्ष की नेता है तो फैसला और इन्साफ करने का अधिकार मिल गया है। एक आन ड्यूटी पुलिस वाले को थप्पड़ मारने का अधिकार मिल गया। सत्ता पक्ष के नेता और कार्यकर्ता सडको पर इंसाफ करेगे ? आखिर थाना प्रभारी रोहनिया इस मामले को क्यों दबा रहे है क्या सत्ता का डर उनको भी है ? सवाल अधूरे है अभी भी पुलिस कमिश्नर साहब, आपकी ईमानदारी और अपने अधिनस्थो के लिए आपके दिल में स्थान जग ज़ाहिर है। एक सिपाही है वो, मगर यहाँ इकबाल पुलिस का है।
कौन है महिला भाजपा नेता
महिला भाजपा नेता के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार वह एक पीजी कालेज की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुकी है। इसके बाद कार्यकाल समाप्ति के बाद उन्होंने भाजपा की सक्रिय राजनीत करना शुरू कर दिया था।
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