तारिक़ आज़मी
आपको याद होगा कि पहले लोग टीवी को मजाक में बुद्धू बक्सा कहते थे। मगर अब हालात बदल गए है। सोशल मीडिया के एक प्लेटफार्म व्हाट्सअप एक प्रकार की यूनिवर्सिटी में तब्दील होता जा रहा है जहा फर्जी के इतिहास भूगोल को समझाया जा रहा है। यही नहीं, बेमतलब की अफवाह उड़ा कर लोगो की नींद ख़राब कर दिया जा रहा है। कभी कोई मैसेज सेंड करता है कि आज रात में इतने बजे से लेकर इतने बजे तक मोबाइल बंद कर देना। तो कभी को अम्मा, बाप, दादा की कसमे देकर किसी मैसेज को फारवर्ड करने को कहता है। अक्सर तो ऐसा होने लगा है कि कही का ईंट कही का रोड़ा और भानमती ने कुनबा जोड़ा की तर्ज पर फर्जी पोस्ट तैयार कर दिया जाता है। इसी कड़ी में आज कल एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमे एक पुलिस अफसर को दो लोगो का मर्डर करते दिखाया जा रहा है।
देखे वायरल होता वीडियो
इस वायरल होते वीडियो के साथ सोशल मीडिया के क्रांतिकारियों का लम्बा चौड़ा पोस्ट रहता है। इन क्रांतिकारियों को लोला क्रांतिकारी कहने में वैसे कोई हर्ज नही है क्योकि इनकी क्रांति केवल लोले से ही होती है। बहरहाल, इन लोला क्रांतिकारियों के द्वारा पोस्ट में लम्बी चौड़ी पुलिस की बुराई लिखते हुवे कड़ी कार्यवाही की मांग किया जा रहा है। इनसे पूछने पर वीडियो कहा का है कोई नही बता पा रहा है। बस वीडियो वायरल कर देने से ही क्रांति लिख रहे है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक और पुलिस अधिकारी के बीच झगड़ा होता है। पहले युवक, पुलिस अधिकारी को धक्का देता है, बाद में पुलिस अधिकारी, इस युवक को धक्का देता हैं और पिस्टल निकालकर उस पर गोली चला देता है। वीडियो में महिला मित्र, जमीन पर धराशायी युवक के नजदीक बैठक गुस्से में चिल्लाती और रोती हुई नजर आती है। साथ ही महिला पुलिस वाले को एक भद्दी सी गाली देती है जिसके बाद वीडियो में उस पुलिस अधिकारी द्वारा इस युवक की महिला मित्र को भी गोली मार दी जाती है।
यूपी पुलिस के तेजतर्रार और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले पुलिस अधिकारी राहुल श्रीवास्तव ने ‘फैक्ट चेक’ के बाद खुलासा किया है कि ‘डबल मर्डर’ का यह वीडियो दरअसल वेब सीरीज का एक दृश्य है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉड के एडीशनल सुपरिंटेंडेंट राहुल श्रीवास्तव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए बताया है कि इस वीडियो के चलते काफी भ्रम की स्थिति रही और लोगों की ओर से इस बारे में काफी सवाल पूछे गए। श्रीवास्तव ने बताया कि वैरिफिकेशन के बाद यह पाया गया है कि यह एक वेब सीरीज का सीन है और इसे करनाल हरियाणा के फ्रेंड्स कैफे के बाहर फिल्माया गया है।
अब आप दुबारा अपने व्हाट्सअप पर देखे और जहा जहा आपको ये वीडियो दिखाई दिया है उसके साथ लगी क्रांतिकारियों की पोस्ट को पढ़े। उनका बस नही चल रहा था कि इस वीडियो में जो एक्टर (उनकी नज़र में पुलिस अफसर) है को सूली पर चढ़ा डाले। असल में कापी पेस्ट के साथ वीडियो भेजने वाले कभी ये नही सोचते कि उनकी एक पोस्ट का क्या माहोल हो सकता है। बस कापी पेस्ट, कापी-पेस्ट करने वह समाज में एक ऐसी क्रांति लाना चाहते है जिसकी शायद समाज को रत्ती बराबर भी ज़रूरत नही है। हम अपने पाठको से अपील करते है कि ऐसे पोस्ट को नज़रअंदाज़ करा करे और इसको फारवर्ड करने के पहले उसकी तफ्तीश कर लिया करे।
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