तारिक आज़मी
वाराणसी। वाराणसी पुलिस और एसटीऍफ़ की संयुक्त कार्यवाही में कल देर रात जब लोग नर्म बिस्तर में सो रहे थे तभी किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में आ रहे कुख्यात 50 हज़ार के इनामिया अपराधी वीरेंदर सिंह को पुलिस ने एक मुठभेड़ में धर दबोचा। इस मुठभेड़ में कुख्यात इनामिया बदमाश के पैर में पुलिस की गोली लगी है और वह ज़ख़्मी है। जिसका इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। वाराणसी पुलिस को ये एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
इस गैंग के दो सदस्यों को गोरखपुर पुलिस ने नवम्बर 2020 में ही गिरफ्तार किया था। उस समय इन सभी का नाम खुद कर सामने आया था कि ये एक गैंग है जो अपना निशाना ईंट भट्टो को बनाता है। अपने शिकार की तलाश में ये गैंग के सदस्य पहले ईंट भट्टो की रेकी करते है। वह कितने मजदूर काम करते है। कितना कैश मिल सकता है। सुरक्षा के क्या हाल है उस ईंट भट्टो के, सभी कुछ ये गैंग लगभग 8 से 10 दिन जानकारी इकठ्ठा करता है फिर उसके बाद घटना को अंजाम देर रात को देता है।
कब आया ये गैंग पुलिस की नज़र
वैसे तो इस गैंग की कार्यशैली काफी समय से पुलिस के लिए सरदर्द बनी हुई थी। इनका सबसे सॉफ्ट टारगेट मुख्य बस्ती से इतना दूर होता है कि उस इलाके में अक्सर पुलिस गश्त भी नही होती है। मगर बीते नवंबर 2020 में गोरखपुर के गगहा थाना के सकरी ईंट-भट्ठे पर डकैती के प्रकरण में इस गैंग का नाम सामने आया था। एक दुर्दांत तरीके से ईंट भट्टे पर ये डकैती हुई थी। जिसमे बाद में पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर इस गैंग के सक्रियता का खुलासा किया था।
क्या हुई थी गोरखपुर में घटना
गोरखपुर के गगहा इलाके के एक गांव में स्थित ईंट-भट्ठे पर हथियारों से लैस करीब दर्जन भर डकैतों ने मजदूरों को एक झोपड़ी में बंधक बनाकर उनके साथ लूट की घटना को अंजाम दिया था। इस दरमियान पीडितो का आरोप था कि डकैतों के द्वारा 14 व 17 साल की दो नाबालिग किशोरियों के साथ दुष्कर्म भी किया है। इसके अलावा इन डकैतों ने महिलाओं और अन्य किशोरियों से भी अश्लील हरकत की थी।
पुलिस का कहना था कि किशोरियों के मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नही हुई है, जबकि पीड़ित किशोरियों का बयान था कि दो डकैतों ने उन दोनों से साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। मगर पुलिस अपने इस बयान को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कहती रही कि किशोरियों से दुष्कर्म नही हुआ है। पीड़ित सभी मजदूर झारखण्ड के रहने वाले थे और गरीब तबके के थे। डरे सहमे मजदूरों के दिलो दिमाग में इस घटना की दहशत बन गई थी। सूत्रों की माने तो इस घटना के बाद कई मजदूर परिवार ईंट भट्टे से काम छोड़ कर चला गया था। ईंट भट्टे के मालिक ने बहादुरी का परिचय देते हुवे सामने से आकर मुकदमा दर्ज करवाया था।
देवरिया और बलिया में भी किया था ऐसी ही घटना
पुलिस अभी गोरखपुर जनपद के गगहा में हुई घटना को घुमंतू अपराधियों के गैंग से जोड़ कर देख ही रही थी कि उसी वर्ष उसी माह में देवरिया और बलिया जनपद में भी ईंट भट्टो पर डकैती की ऐसी ही घटना सामने आई थी। इसके बाद गोरखपुर पुलिस और एसटीऍफ़ ने नवम्बर 2020 में ही दो बदमाशो को गिरफ्तार किया था। गगहा और झंगहा निवासी दोनों बदमाश पशु तस्करी का काम करते थे और आपस में रिश्तेदार भी थे। उनके पकडे जाने के बाद मामले का खुलासा हुआ था और वही से छोटक और वीरेंदर का नाम सामने आया था। ये कार्यवाही बलिया, गोरखपुर व देवरिया पुलिस की संयुक्त रूप से कार्यवाही थी जिसमे बलिया के विशुनदेव सहित छह आरोपितों की गिरफ्तार किया था। यहाँ से छोटक का नाम प्रकाश में आया था।
इसके बाद फरवरी 2021 में छोटक एक पुलिस मुठभेड़ में आरोपी को चंवरिया बुजुर्ग गांव के पास पकड़ा जाता है और उसके द्वारा अपने गैंग के दो अन्य सदस्यों का खुलासा क्रमशः छिबही, रसड़ा निवासी वीरेंदर सिंह और खड़हाताड निवासी टेंगर के रूप में किया था।
वीरेंदर पर गोरखपुर पुलिस ने घोषित किया 50 हज़ार का इनाम
इस गैंग को पूरी तरीके से नेस्तनाबूत करने के लिए पुलिस ने भी कमर कस लिया था। पुलिस ने गैंग के एक और सक्रिय सदस्य वीरेंदर सिंह पर 50 हज़ार का इनाम घोषित कर दिया था। मगर शातिर वीरेंदर पुलिस की आँखों में धुल झोक कर फरार था। आखिर वीरेंदर को वाराणसी पुलिस ने धर ही दबोचा।
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