ईदुल अमीन
वाराणसी। मशहूर नगमानिगार निदा फाज़ली का एक बड़ा खुबसूरत सा कलाम है कि “घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो ये कर ले, किसी रोते हुवे बच्चे को हसाया जाए।” इस अशआर पर आप गौर करे तो इसका मायने ये होता है कि रब की इबादत की जगह मस्जिद घर से काफी दूर है और हम किसी रोते हुवे मासूम को हसाने का काम करते है तो रब की इबादत जितना ही पुण्य पाते है। ऐसा ही कुछ आज आदमपुर चौकी प्रभारी कुंवर अंशुमन सिंह ने किया जब एक मासूम महज़ 6 साल के भूखे गरीब बच्चे को उसके परिजनों से मिलवाया और उस मासूम को भर पेट भोजन भी करवाया।
मासूम बच्चे ने अपना नाम शिवम् सहानी और पिता का नाम मनोज सहानी बताया। बच्चा भूख से बिलबिला रहा था और घर का रास्ता भी उसको पता नही था। चौकी इंचार्ज बच्चे को गोद में लेकर पुलिस चौकी आते है और उसका भीगा कपडा बदल कर एक नया कपडा मंगवा कर पहनते है साथ ही बच्चे को भर पेट भोजन करवाने के साथ उस बच्चे के माँ बाप का पता लगाने की कोशिश करने लगते है। बच्चा जो कुछ खाने को कहता तुरंत उसको उपलब्ध करवाया जाता। चौकी पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों ने भी बच्चे को खिलाने में कोई कसर नहीं रहने दिया। कोई बच्चे को आम तो कोई लीची लाकर खिला रहा था। कोई चाकलेट दे रहा था तो कोई टाफी।
इस दरमियान लगभग एक घंटे के अन्दर ही बच्चे के घर का पता चल गया और बच्चे के बुआ और फूफा चौकी पर आये। उन्होंने बताया कि बच्चे की माँ उसके बचपन में ही उसको छोड़ कर चली गई है। पिता एक रिक्शा चालक है। बच्चे की परवरिश वही लोग कर रहे है। पुलिस ने कागज़ी फार्मेल्टी करते हुवे बच्चा उनके हवाले किया और साथ ही कुवर अंशुमन ने बच्चे के अभिभावकों से कहा है कि अगर बच्चे की तरबियत के लिए कुछ भी आवश्यकता हो तो वह बे झिझक बताये। जाते समय काफी मात्रा में चाकलेट और टाफी बच्चे को उपहार के रूप में पुलिस कर्मियों ने दिया।
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