तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी पुलिस इस समय आपदा में लोगो के लिए मसीहा के तरीके से उभर कर सामने आई है। वाराणसी पुलिस कमिश्नर के मानवीय ह्रदय से तो सभी परिचित है मगर उनके अधीनस्थ भी इन्सानियत के हिफाज़त में कोई कसर नही छोड़ रही है। इसका जीता जागता उदहारण पेश किया चितईपुर चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह ने।
इसके बाद शुरू हुआ दवा के इंतज़ाम का दौर। लगभग 100 फोन काल करने के बाद चितईपुर चौकी इंचार्ज ने फेबीफ्ल्यू दवा का इंतज़ाम कर लिया। मरीज़ के दवा की डोज़ के अनुसार दो मरीजों के लिये ये दवा हजारो में पड़ी। दवा के मूल्य का भुगतान करने के बाद अर्जुन सिंह ने दवा अपने पास मंगवा लिया। अब बात थी वक्त से दवा गोरखपुर पहुचाने की। जिसके लिए अर्जुन सिंह ने रोडवेज चौकी इंचार्ज रिजवान बेग से मदद लिया और सम्पर्क स्थापित किया।
रिजवान बेग ने गोरखपुर जा रही एक बस के कंडक्टर से संपर्क कर युवक का पता और मोबाइल नम्बर देते हुवे मदद की बात जब कंडक्टर से कही तो कंडक्टर तुरंत मदद के लिए तैयार हो गया। फेबुफ्ल्यु कंडक्टर को दिया गया। गोरखपुर बस पहुचने के बाद कंडक्टर ने युवक से संपर्क कर समाचार लिखे जाने तक दवा युवक के हवाले कर दिया था। इसको कहते है जिसको “अल्लाह रखे उसको भला कौन चखे।” सियासत से दूर समाज के प्रति अपने फ़र्ज़ को निभाने वाले एसआई अर्जुन सिह के मृदुभाषी व्यवहार के कायल उनके विरोधी भी है। एक बार फिर अर्जुन सिंह ने साबित कर दिया कि इस अर्जुन के अन्दर एक दानवीर और मानवीय हृदय वाले कर्ण का भी वास है।
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