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दिलीप कुमार का रहा है बनारस से नमक का रिश्ता, दालमंडी के इस होटल के खाने के थे दिलीप साहब दीवाने

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। दिलीप कुमार इस दुनिया को रुखसत कह चुके है। पुरे फिल्म इंडस्ट्री से लेकर आम जनमानस तक में उनके जाने का गम झलक रहा था। आज दालमंडी के एक होटल में भी सन्नाटा है। होटल बंद है। रोज़गार को बंद रखा गया है। ये किसी सरकारी आदेश अथवा किसी और वजह से नही बल्कि दिलीप साहब के इन्तेकाल के गम में बंदी है। इस गमजदा मौके पर आज कुरआन ख्वानी भी हुई और दिलीप साहब के मगफिरत की दुआ भी की गई। ये जगह है बनारस के दालमंडी स्थित “होटल ताज”। होटल ताज और दिलीप साहब के बीच नमक का रिश्ता था।

दिलीप कुमार का ताल्लुक बनारस शहर से भी रहा है। बनारस शहर में उनकी फिल्म “संघर्ष” की शूटिंग 1966-67 में हुई थी। ये वो वक्त था जब सुविधाओं की कमी भी हुआ करती थी। वर्ष 1968 में रिलीज़ हुई फिल्म “संघर्ष” सुपर डुपर हिट रही। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित बंगाली लेखिका महाश्वेता देवी की शार्ट स्टोरी पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग वाराणसी के कई इलाको में हुई थी। शूटिंग के दौरान यूनिट के लिए खाने की व्यवस्था मुम्बई (तत्कालीम बम्बई) के रहने वाले एक सज्जन को करना था। उनका सम्बन्ध वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में काफी रहा।

इस दरमियान दिलीप कुमार के सुपर फैन दालमंडी के मो0 ताज को खाने की सप्लाई का आदेश मिला। पहले ही दिन अपने सुपर स्टार दिलीप कुमार के लिए खाना मोहम्मद ताज ने काफी मन से बनाया। ताज मिया का खाना खाकर दिलीप कुमार का मन खुश हो गया। दिलीप साहब खाना खाकर इतना खुश हुवे थे कि तीनो समय का खाना उन्होंने ताज मिया को भेजने का आदेश दे दिया था। सिर्फ दिलीप कुमार ही नहीं बल्कि पूरी फिल्म यूनिट के लिए शूटिंग का खाना ताज मिया ही बनवाते थे। इसी जगह से “ताज होटल” भी अपने अस्तित्व में आता है।

बताया जाता है कि ताज मियाँ के खाने से खुश हुवे दिलीप कुमार शूटिंग के दौरान एक-दो बार ताज होटल भी आये थे। उस समय कैमरों की इतनी व्यवस्था नही हुआ करती थी। एक कलमी तस्वीर भी दिलीप कुमार ने ताज मिया के साथ बनवाया था। फिल्म की शूटिंग ख़त्म होने के बाद दिलीप कुमार मुम्बई वापस चले गए थे। मगर ताज मिया के नमक का स्वाद उनके जुबान से नही गया था। पारिवारिक सूत्रों की माने तो दिलीप साहब से मुलकात करने कई बार ताज मिया मुम्बई गए और दिलीप साहब ने बड़े सम्मान से उनकी खातिरदारी भी करते थे। ताज मिया इस दुनिया को रुखसत कह चुके है, आज उनके सुपर स्टार भी इस फानी दुनिया को अलविदा कह चुके है। जन्नत के दरवाज़े पर शायद ताज मिया दिलीप साहब का इंतज़ार कर रहे होंगे, अपने सुपर स्टार का स्वागत करने को। आज भी ताज होटल में दिलीप साहब की तस्वीरे शोभा बढ़ाती है।

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