वसीम रिजवी ने अब बकरीद के त्योहार पर जताया ऐतराज……

तारिक खान

लखनऊः अपने विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में बने रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का एक और विवादित बयान सामने आया है। रिजवी ने मुसलमानों के दूसरे सबसे बड़े पर्व ईद-उल-अजहा पर ऐतराज़ जताया है। वसीम रिजवी ने बयान जारी कर कहा कि बकरीद के नाम पर करोड़ों जानवरों की कुर्बानी देना एक गुनाह है।

वसीम रिजवी और विवादों का पुराना नाता रहा है। कभी कुरान तो कभी मदरसों को लेकर वह टिप्पणी करते रहे हैं। अब वसीम रिजवी ने मुसलमानों के त्योहार ईद-उल-अजहा यानी कि बकरीद पर ऐतराज जताया है। वसीम रिजवी ने कहा कि बकरीद के नाम पर दुनिया में एक साथ करोड़ों जानवरों की बलि देना एक गुनाह है। यही नहीं वसीम रिजवी ने आगे बोलते हुए कहा कि अल्लाह कि राह में हजरत इब्राहिम अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने में हिचकिचाएं थे, इसलिए अल्लाह ने उनकी कुर्बानी नहीं कुबूल की थी। इस दिन एक रसूल अल्लाह की राह में नाकामयाब हुए थे। इसलिए यह दिन अल्लाह से अपने गुनाहों कि माफी मांगने का है न कि बेजुबान जानवर की बलि देकर ईद मनाने का।

अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चल रही बहस के बीच वसीम रिजवी ने राज्य विधि आयोग के मसौदे का समर्थन किया। बीते शनिवार को उन्होंने मुस्लिम कौम की तुलना कुकुरमुत्ते से की थी। वसीम रिजवी ने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलमानों कि तादाद कुकुरमुत्तों की तरह बढ़ रही है। जब भी इसपर कानून को बनाए जाने की बात होती है तो मुसलमानों के नाम पर राजनीति करने वाली कुछ सियासी पार्टियां आड़े आती हैं। रिजवी ने कहा कि हिंदुस्तान सब धर्मों का है और देश की तरक्की के लिए सभी धर्मों को इन बातों पर अमल करना होगा। वसीम रिजवी बोले कि सिर्फ सुविधाओं से वंचित करने से काम नहीं चलेगा। इस कानून में सजा का भी प्रावधान होना चाहिए। कानून बनाया जाना और उसको लागू करना हिंदुस्तान के मुसलमानों के लिए बेहद जरूरी है।

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