हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य के अधिकार की मांग की गयी, काशी से उठाई गयी स्वास्थ्य के अधिकार कानून की मांग
शाहीन बनारसी
वाराणसी विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काशी से देश में स्वास्थ्य के अधिकार कानून की मांग की है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर स्वास्थ्य का अधिकार अभियान के तत्वावधान में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन करके इस मांग के पक्ष में समर्थन जुटाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन एवं बैनर पर लोगों के हस्ताक्षर लिए गये।
अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि आम नागरिक को निकटतम दूरी पर न्यूनतम खर्च में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए तभी हम अपने देश को विकसित देश की श्रेणी में ला पायेंगे। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए स्वास्थ्य के अधिकार कानून बने। जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को सामान्य स्वास्थ्य सुविधाये न्यूनतम खर्च और निकटतम दूरी पर मिलने का अधिकार हो और यह सुविधा न मिलने पर दोषियों को दंड और प्रभावित नागरिक को क्षतिपूर्ति मिलने का प्रावधान हो।
अभियान की तरफ से मांग की जा रही है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण सरकारीकरण किया जाए एवं स्वास्थ्य का राष्ट्रीय बजट तीन गुना किया जाय। प्रत्येक एक हजार की जनसंख्या पर निश्चित मानदेय पर ‘जन स्वास्थ्य रक्षक’ की नियुक्ति हो जो स्थानीय आशा कार्यकर्त्री और आंगनबाड़ी के साथ मिल कर सामान्य स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराए। तापमान, रक्तचाप, मधुमेह एवं अन्य सामान्य जांच की सुविधा इस स्तर पर सुलभ होनी चाहिए। जबकि प्रति बीस हजार की जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पचास हजार की जनसंख्या पर उच्चीकृत स्वास्थ्य केंद्र एवं एक लाख की जनसंख्या पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होना सुनिश्चित किया जाय जहाँ विभिन्न प्रकार की आवश्यक जांच सुविधा के साथ ही अन्य सभी स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध हो, इसके साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर मातृ शिशु कल्याण केंद्र होना सुनिश्चित हो। ग्रामीण एम्बुलेंस सेवा को और बेहतर और सुलभ बनाया जाय।
अभियान की मांगो में यह भी शामिल है कि प्रदेश और केंद्र स्तर पर स्वतंत्र ‘स्वास्थ्य अधिकार आयोग’ का गठन हो जो सभी स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं से सम्बन्धित शिकायतों पर सुनवाई करे और दोषियों को दंडित करे। आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी) का बजट बढाते हुए इसे और व्यापक और सुलभ किया जाए। विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव सम्बन्धी जागरूकता, नियमित स्वास्थ्य जांच सम्बन्धी जागरूकता, टीकाकरण अभियान सम्बन्धी जागरूकता जैसे कार्यक्रमों को और प्रभावी तथा सघन किया जाय।
अभियान के संयोजक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि सभी प्रकार की विकास निधियों जैसे सांसद निधि, विधायक निधि, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम सभा आदि की न्यूनतम 20 प्रतिशत राशि अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं एवं संसाधनों की वृद्धि के लिए व्यय किया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए,
हस्ताक्षर अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव सम्बन्धी पर्चे भी वितरित किये गये। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से से डॉ0 ओमशंकर वल्लभाचार्य पाण्डेय, धनञ्जय त्रिपाठी, इन्दू पांडेय, प्रदीप कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, महेंद्र राठौर, विनय सिंह, सूरज पाण्डेय, रामजनम भाई चौधरी राजेन्द्र, प्रज्ञा सिंह,दिवाकर,राज अभिषेक,जागृति राही, अजय पटेल,ओम शुक्ला, अनूप श्रमिक,छेदी लाल निराला,मनीष सिन्हा,राहुल, नीरज,शांतनु आदि का योगदान रहा।