शाहीन बनारसी / मो0 सलीम
वाराणसी। वाराणसी के दालमंडी-नई सड़क के कारोबारी गुलाम अशरफ और शहनवाज़ “शानू” पर जानलेवा हमला हुए एक पखवाड़े से अधिक वक़्त गुजर चूका है। मगर चंदौली पुलिस अभी भी खाली हाथ लिए लकीर ही पिट रही है। इस प्रकरण में चंदौली की मुगलसराय कोतवाली पुलिस आरोपियों की शिनात करने के बजाय उलटे कारोबारियों के ही कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो मुगलसराय कोतवाली पुलिस को जब दोनों पीड़ित कारोबारियों के कॉल रिकार्ड्स में कुछ भी संदिग्ध नहीं लगा तो अब पुलिस इस घटना का खुलासा करने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी कर रही है। वही दोनों कारोबारी अभी भी खौफ के साए में जी रहे है।
घटना में कतिपय लोगो ने अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि पूरी घटना फेक है। परन्तु दुसरे ही दिन हमारे हाथो सीसीटीवी का वह फुटेज लगा, जो इस घटना की पूरी तरीके से पुष्टि कर रहा है। फूटेज में हमलावर एक पूर्व नियोजित तरीके से स्विफ्ट डिजायर कार और बाइको से आते हुए दिखाई पड़े। इस फुटेज के साथ लगे हमारे समाचार से चंदौली पुलिस एक बार फिर हरकत में आई और उसने भी फुटेज तो हासिल कर डाला मगर फालोअप फुटेज की ज़हमत नही उठाया। पुलिस सूत्रों की माने तो एक बार फिर मुग़लसराय कोतवाली पुलिस ने प्रकरण में कारोबारियों को ही शक के नज़र से देखा और उनकी काल हिस्ट्री निकलवा डाला। मगर पुलिस को उसमे जब कुछ भी संदिग्ध नही लगा तो पुलिस ने मामले को ठन्डे बसते में डालने की तैयारी कर रखा है। पुलिस सूत्र तो हमारे यहाँ तक कहते है कि पुलिस का मानना है कि घटना ऐसे ही किसी भूल के कारण हो गई। पहले से सुनियोजित नही थी। कुछ इसी तरीके से मिलता जुलता बयान क्षेत्राधिकारी सदर अनिल राय ने भी हमको दिया।
पिछले 18 दिनों से जांच कर रही मुग़लसराय कोतवाली पुलिस आखिर इस मामले को हड़बड़ी में ठन्डे बस्ते में क्यों डालना चाहती है ये समझ से परे है। घटना और पुलिस कार्यशैली से नाराज़ वाराणसी के व्यवसाईयो ने दो दिन पूर्व आईजी रेंज से मुलाकात कर अपने विरोध प्रकट कर पुलिस से खुलासे की मांग भी किया। आईजी रेंज ने इस घटना के सफल खुलासे का निर्देश भी चंदौली के कप्तान को प्रदान किया मगर मामला फिर एक बार ठन्डे बस्ते में ही दिखाई दे रहा है। विवेचना कर रही पुलिस टीम आज तक संदिग्ध स्विफ्ट डिजायर कार का पता नही लगा सकी तो फिर बाइक सवार अन्य हमलावरों का क्या पता करेगी ये सोचने वाली बात है।
इसी दरमियान सोशल मीडिया पर पीड़ित कारोबारी गुलाम अशरफ के सम्बन्ध में कई अफवाहों का बाज़ार गर्म करने का भी प्रयास हुआ। कभी उनको अपराधी तो कभी अवैध कारोबारी साबित करने की भी कोशिश जमकर हुई। इस सम्बन्ध में हमने तीन दिन पहले जब गुलाम अशरफ से फोन पर संपर्क किया तो मालूम चला कि वह शहर से बाहर गए हुवे है। उनके शहर में आने के बाद आज हमारी मुलाक़ात गुलाम अशरफ से हुई। पहले तो उन्होंने किसी प्रकार के बयान देने से ही मना कर दिया और कहा कि मैडम अल्लाह का शुक्र है कि हमारी जान बच गई। हम अपनी हिफाज़त अब रब के ही हवाले कर बैठे है। क्या बयान दे ? हमारे साथ हुई घटना की हमने शिकायत दर्ज करवाया है। अब पुलिस को जो कार्यवाही करना है वह करे। इस घटना में हमको ही लोग कटघरे में खड़े करने की कोशिश कर रहे है।
गुलाम अशरफ ने हमसे बात करते हुवे कहा कि बेशक हम कारोबार में करोडो लगा कर लाखो कमाते है। ये कोई अपराध नही है। हर इंसान कारोबार करता है मुनाफे के लिए, समाज सेवा के लिए कारोबार नही होता है उसको कारोबार नही खिदमत-ए-खल्क कहा जाता है। हम करोडो लगा कर लाखो कमाते है तो उसके एवज में आयकर का भी भुगतान करते है। रही बात कुछ लोग हमको अपराध जगत से नाता जुडा बता रहे है। किसी कारोबारी की हत्या केस में हमारे नाम को जुडा बता रहे है तो साफ़ साफ़ कहता हु कि मेरे ऊपर इतने बड़े आरोप तो दूर रहे महज़ एक कोई शांति भंग का भी आरोप नही दिखा सकता है। हम कारोबारी है। कारोबार करने बैठे है। हम न कोई अवैध काम करते है और न कभी हमारा किसी अवैध काम में नाम आया। वैसे बदनाम करने के लिए मौखिक रूप से कोई कुछ भी कहता रहे तो हम सबका जवाब तो देते नही फिरेगे।
इसी बीच हमारी मुलाकात शाहनवाज़ शानू से हुई। उन्होंने स्पष्ट सपाट शब्दों में कहा कि हम पीड़ित है। इन्साफ की लड़ाई लड़ रहे है। इस इन्साफ की लड़ाई को अगर कोई गलत साबित करना चाहे तो करता रहे। हम दोनों दोस्तों और साझीदार (शाहनवाज़ शानू और गुलाम अशरफ) पर एक कोई 107/116 जैसा मामला भी नही दर्ज है। हमारे दामन सफ़ेद और पाक है। अब कोई क्या बोलता है, ये वो जाने और बोलता रहे। हम अपने काम से मतलब रखते है। हमारा काम पूरा साफ़ सुथरा होता है। कुछ लोग हमारी कामयाबी से जलन रखते है तो वो रखा करे। हम उसको फिक्र नही करते है। हमने हमारे साथ हुई अपराधिक घटना के सम्बन्ध में आवाज़ उठाई और उठाते रहेगे। गलत न करते है और न गलत बर्दाश्त करेगे। बल्कि लोकतान्त्रिक और कानूनी तरीके से लड़ेगे। आप पत्रकार है। पत्रकारिता एक मिशन होता है। हमारी दुआ आपके साथ है कि अल्लाह आपको तरक्की दे। मगर आप जब तक सच का साथ देती रहेगी आपके दुश्मनों की फेहरिश्त लम्बी होती रहेगी।
बहरहाल, दोनों कारोबारी खौफ के साए में जी रहे है। मुग़लसराय पुलिस आराम तलब कर रही है और घटना बिना खुलासा हुवे आज भी पड़ी है। घटना में पुलिस जिस शिथिलता से काम कर रही है उसको देख कर तो नही लगता है कि पुलिस इस घटना का सफल और सच का खुलासा कभी कर पाएगी। जब मुगलसराय पुलिस आज तक विक्की शर्मा की हत्या में सफ़ेदपोशो के नाम नही खोल पाई है तो फिर ये केवल एक जानलेवा हमला है। वो तो एसओजी प्रभारी राजीव सिंह का अनुभव और उनकी मेहनत थी कि विक्की शर्मा हत्याकाण्ड में आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया। अन्यथा इस घटना में जैसे पुलिस आज तक फालोअप में सीसीटीवी फुटेज नही निकाली है तो और क्या आशा किया जा सकता है।
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