तारिक आज़मी
वाराणसी पुलिस कमिश्नर सतीश गणेश के निर्देशन में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस टप्पेबाजों पर काल की तरह टूट पड़ी है। इस क्रम में अभी कल ही वाराणसी की पाण्डेयपुर लालपुर पुलिस ने पांच टप्पेबाजों का गैंग पकड़ा था। दुसरे तरफ दूसरी ठीक उसी दिन सफलता वाराणसी पुलिस को बिहार के किशनगंज स्थित इरानी टोला में हाथ लगी जब वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के जाबांज दरोगाओ ने उस इलाके में घुस कर जहा स्थानीय पुलिस जाने से भी डरती है एक टप्पेबाज़ को गिरफ्तार कर लिया और टप्पेबाजी का सोना बरामद किया।
सलमान मारा जा चूका था। उसके दुकानदार का मानना था कि उसने 300 ग्राम सोना चुराया है। इसको लेकर सलमान को अपने साथियों के साथ कलीम ने इतना टार्चर किया कि उसकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी पुलिस को आने के बाद एक तरफ पुलिस ने कलीम की गिरफ्तारी पर ध्यान केन्द्रित किया वही दूसरी तरफ ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज को इस घटना की सत्यता जानने के लिए लगा दिया कि क्या कही सच में तो सलमान के साथ टप्पेबाज़ी नही हुई है। ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से इसकी जानकारी निकाल लिया कि सलमान के साथ टप्पेबाज़ी हुई है।
कैसे हुई थी टप्पेबाज़ी
पुलिस आश्वस्त हुई और डीसीपी काशी अमित कुमार के निर्देश पर टप्पेबाजी की घटना को कोतवाली थाने में दर्ज किया गया। दरअसल घटना कुछ इस प्रकार निकल कर सामने आई कि सलमान अपने दूकान से सोना साफ़ करने के लिए लेकर छत्तातले की तरफ गया। जहा टप्पेबाजों से उसकी मुकालात होती है। टप्पेबाज़ उसको अपनी बातो में फंसा कर बुलानाला स्थित कन्हैया अलंकार मंदिर तक आते है और उसके माँ की बीमारी की बात करने लग जाते है। सलमान टप्पेबाजों के झांसे में आ जाता है। टप्पेबाज़ उसको मंत्र एक बताता है और कहता है कि दस कदम इस मंत्र को पढ़ कर आगे बढ़ो और तुम्हारी माँ के घुटनों में दर्द से आराम मिल जायेगा। इस दरमियान टप्पेबाज़ सलमान के पास से उसका सब सामान ले लेते है।
सलमान आँखे बंद कर मंत्र पढता आगे बढ़ता है और पीछे से दोनों टप्पेबाज़ उसका सामान लेकर फुर्र हो जाते है। इसकी जानकारी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से हासिल हुई। टप्पेबाजी स्थल कोतवाली में होने के कारण इस मामले को कोतवाली में पंजीकृत किया गया। जिसके बाद से कोतवाली और चौक पुलिस की संयुक्त टीम का गठन करके घटना का खुलास करने के लिए निर्देशित किया गया। इस संयुक्त आपरेशन में सबसे बड़ा रोड़ा था टप्पेबाजों की शिनाख्त करना। चौक पुलिस के द्वारा हत्यारोपियो की गिरफ्तारियो के बाद इन टप्पेबाजों की तस्वीर भी मीडिया कर्मियों को प्रदान किया गया और सुराग हेतु सोशल मीडिया पर तस्वीर को वायरल भी किया गया।
पुलिस को मिली कैसे जानकारी
टप्पेबाजों की कदमो का पीछा करना पुलिस के लिए बड़ी बात थी। ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह और अम्बिया मंडी चौकी इंचार्ज अखिलेश वर्मा ने एक एक सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया। फालोअप करती पुलिस अचानक डेड एंड पर आकर खत्म होता है जब बिशेश्वरगंज से दोनों टप्पेबाज़ गायब हो गए। पुलिस एक डेड एंड पर खड़ी थी। मगर पुलिस ने अपनी हिम्मत नही हारी और थोडा आगे से फुटेज कलेक्शन शुरू किया तो टोटो से आते दोनों टप्पेबाज़ दिखाई दिए। यहाँ से प्रकाश सिंह और अखिलेश वर्मा ने टोटो का पीछा सीसीटीवी फुटेज में करना शुरू किया। फुटेज के कदमो का निशाँ इकठ्ठा करते करते पुलिस पड़ाव चौराहे तक पहुचती है जहा से दोनों टप्पेबाज़ टोटो छोड़ देते है और वहा एक और टप्पेबाज़ उनसे मिलता है फर तीनो एक ऑटो में बैठ जाते है। ऑटो जो सभी एक जैसी दिखती है का फालोअप अब मुग़लसराय रोड पर करना था जहा सीसीटीवी फुटेज की कमी थी।
फिर भी पुलिस टीम ने कोई हिम्मत नही हारी और ऑटो पर लगे एक बैनर का फालोअप जारी रखा। फुटेज कलेक्ट करते करते पुलिस मुगलसराय स्टेशन तक पहुच जाती है। जहा से टप्पेबाज़ दुबारा गायब हो जाते है। काफी मशक्कत के बाद सैकड़ो कैमरों को खंगालने के बाद तीनो टप्पेबाज़ दीन दयाल रेलवे स्टेशन के आउटर पर दिखाई देते है। जहा से वह फिर एक बार गायब हो जाते है। पुलिस हर एक प्लेटफार्म का फुटेज खंगालती है। मगर वो कही नही दिखाई देते है। जिसके बाद से पुलिस के हाथ दुबारा खाली दिखाई देने लगते है। इस दरमियान पुलिस एक प्रयास और करती है तथा आसपास की गलियों के सीसीटीवी फुटेज खंगालती है। काफी प्रयास के बाद एक दूकान में लगे सीसीटीवी फुटेज में टप्पेबाजों का जूता दिखाई दे जाता है। यहाँ से शुरू होता है टप्पेबाजों का दुबारा पीछा और पुलिस उस लाज तक पहुच जाती है जहा टप्पेबाज़ रुके थे। लाज के सभी सीसीटीवी फुटेज लेने के बाद पुलिस की तफ्तीश किशन गंज तक पहुच जाती है।
खतरनाक आपरेशन था किशन गंज से गिरफ़्तारी
सीपी ने किशनगंज से गिरफ़्तारी के लिए वाराणसी काशी ज़ोन के तेज़ तर्रार दरोगाओ की एक टीम का गठन किया। टीम में ब्रह्मनाल चौकी इंचार्ज प्रकाश सिंह, दालमंडी चौकी इंचार्ज सौरभ पाण्डेय, सप्तसागर चौकी इंचार्ज प्रभाकर सिंह, अम्बिया मंडी चौकी इंचार्ज अखिलेश वर्मा, कालभैरव चौकी इंचार्ज राम रतन पाण्डेय को भेजा गया। छापेमारी करना था किशन गंज के इरानी टोला में। स्थानीय पुलिस ने साथ देने से मना कर डाला। अब बारी वापसी की थी तो वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के जाबाज़ खाली हाथ नही लौटना चाहते थे। फिर आपस में प्लान करके छापेमारी की कार्यवाही करने की योजना वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के इन जाबाज़ दरोगाओ ने बनाया।
घर के अन्दर घुसने की ज़िम्मेदारी लिया प्रकाश सिंह और प्रभाकर सिंह ने, बाहर भीड़ से मुकाबिल होने को तैयार थे अखिलेश वर्मा और सौरभ पाण्डेय इसके अलावा गाडी लेकर भगाने की तैयारी थी राम रतन पाण्डेय की। प्रकाश सिंह और प्रभाकर सिंह घर के अन्दर घुस जाते है। घुसते ही हडकंप मच जाता है। भीड़ इकठ्ठा होने लगती है। दरवाज़े पर खड़े सौरभ पाण्डेय और अखिलेश वर्मा मोर्चा संभाले रहते है। मात्र पांच मिनट के भीतर ही गिरफ़्तारी और माल की बरामदगी के साथ साथ टप्पेबाज़ इरफ़ान को लेकर पुलिस टीम तेज़ी की साथ निकल जाती है और इरानी टोला पार कर जाती है। ये मौत को छूकर टक से वापस आने जैसा अनुभव था। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस आरोपी इरफ़ान को लेकर सीधे अदालत में पेश करती है और ट्रांजिट रिमांड लेकर वाराणसी आ जाती है।
किशन गंज के इरानी गंज से गिरफ़्तारी करना कोई आम बात नही है। ये मौत से खेलने का काम था जिसको वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के जाबाज़ दरोगाओ ने अपनी जान पर खेल कर साबित कर दिया कि उनकी हिम्मत का लोहा दुनिया ऐसे ही नही मानती है। जिस खतरे में प्रकाश सिंह और प्रभाकर सिंह थे, उतने ही खतरे में सौरभ पाण्डेय और अखिलेश वर्मा थे, कुछ ऐसे भी खतरे में थे राम रतन पाण्डेय। मगर सभी ने साबित कर डाला कि उनकी हिम्मत के आगे अपराध खौफ खा जाता है वो नही। लम्बे समय तक इस आपरेशन को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ही नही बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस में याद किया जायेगा।
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