तारिक़ आज़मी
वाराणसी। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश की पुलिस इस वक्त शाईन सिटी के आर्थिक दुर्दांत अपराधी राशिद नसीम और उसके गुर्गो के ऊपर कहर बनकर टूटी हुई है। पिछले एक सप्ताह के अन्दर 5-5 लाख के इमानिया राशिद नसीम और आसिफ नसीम के करीबी गुर्गो पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस कहर बनकर नाज़िल हुई है। इस दरमियान राशिद नसीम का लेखा जोखा रखने वाले मुश्ताक को सिवान के देवरिया गाँव से गिरफ्तार कर वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश की टीम ने जहा अपनी बहादुरी की एक और मिसाल पेश किया वही वेस्ट बंगाल से आर्यन भार्गव को गिरफ्तार कर एक और बड़ी सफलता पाई थी। पडोसी राज्यों में घुस कर वहा छिपे राशिद नसीम के गुर्गो की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में वाराणसी पुलिस कमिश्नर की पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है जब राजस्थान के जयपुर में चार सितारा होटल में जनता के पैसे लूट कर ऐश कर रहे राजीव सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ़्तारी के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस चितईपुर निवासी वांछित अभियुक्त राजीव सिंह की गिरफतारी के लिए प्रयासरत थी। इस प्रयास को सफलता तब मिली जब काफी मेहनत-ओ-मशक्कत के बाद इन्स्पेक्टर लंका अंजनी पाण्डेय को राजीव सिंह का मोबाइल नम्बर मिला। नमबर बार बार आन आफ हो रहा था। इस नंबर को सर्विसलांस टीम के अनुग्रह वर्मा ने अपनी निगरानी में रखा और इस्पेक्टर अंजनी पाण्डेय के निर्देशन में एक टीम जयपुर को रवाना हो गई। शातिर आर्थिक अपराधी राजीव सिंह पढ़ा लिखे होने के कारण काफी दूरी पर जाकर अपना नंबर खोलता और बंद करता था।
जयपुर पहुचने के बाद पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से समय समय पर मिलती ट्रेनिग ने काफी काम किया और एसआई प्रभाकर सिंह ने खुद का खबरी नेटवर्क डेवलप करते हुवे राजीव सिंह की सुराग लेना शुरू कर दिया। खबरी नेटवर्क और सर्विसलांस टीम ने काम किया और राजीव सिंह एक चार सितारा होटल के कमरे में ऐश करता हुवा पुलिस टीम को मिला। बड़े ही फ़िल्मी अंदाज़ में पुलिस टीम ने रूम सर्विस कहकर जब दरवाज़ा खुलवाया तो राजीव सिंह सामने था। राजीव सिंह सामने पुलिस टीम को देख कर घबरा गया और भागने लगा। कमरा लाख लग्ज़री रहा मगर भागने की जगह नही मिली और पकड़ा गया। पुलिस राजीव सिंह को जयपुर अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लेकर वाराणसी आने की तैयारी कर रही है।
कैसे जुडा राजीव सिंह का राशिद नसीम से तार
राजीव सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2011 तक बिरला लाइफ इन्शुरन्स कंपनी में बतौर एजेंसी मैनेजर था और राशिद नसीम कार्पोरेट एजेंट के तौर पर था। यही दोनों की मुलाकात होती है। जिसके बाद दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो जाती है। वर्ष 2013 में राशिद नसीम ने राजीव सिंह को बतौर ब्रांच मैनेजर लखनऊ नियुक्त किया और फिर बाद में वर्ष 2014 में वाराणसी का ब्रांच मैनेजर बनाया। इसके ही नाम पर राजा तालाब में ज़मीन का पावर आफ एटार्नी करवाया। गरीब किसानो की ज़मीन को हडपने का काम राजीव के द्वारा ही किया जाता था। राजीव की पत्नी बिहार के सासाराम में मिडिल स्कूल में अध्यापक है।
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