Religion

जश्न-ए-आमद-ए-रसूल पर रंगबिरंगी रोशनी से जगमगा उठा शहर बनारस, हर सु उठी सदा “सरकार की आमद मरहबा”, देखे दिलकश तस्वीरे

ए जावेद, शाहीन बनारसी और ईदुल अमीन

वाराणसी। जश्न-ए-आमद-ए-रसूल की पूर्व संध्या पर आज गंगा जमुनी तहजीब का मरकज़, तानी-बाने के रिश्तो की बुनियाद रखने वाला शहर बनारस रंगबिरंगी रोशनियों से चमक उठा। हर एक गली मुहल्लों से सदा आ रही थी, “सरकार की आमद, मरहबा।” हर मस्जिदे रोशन थी। गलियाँ रोशन थी, हर एक चौबारे और घर रोशनी से जगमगा रहे थे। इबादतों का दौर रात भर चलता रहा। जश्न में कई महफिले सजी। आलिमो ने तक़रीर किया और मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ किया। तो वही पूरी रात नात का सिलसिला और अन्जुमनो का सिलसिला जारी रहा।

आज ईद-ए-मिलादुन्नबी पुरे हषोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर घरों से लेकर मस्जिदें रौशन हुई। हर-सु आवाज़ आई “पुकारो या रसूल अल्लाह, या हबीब अल्लाह, सरकार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा।“ घरों से लेकर मस्जिदों तक रौनके बिखरी हुई है। साफ-सफाई के साथ ही रौशनी के इंतजाम भी किए गए है। रविवार से ही मस्जिदों और घरों को रौशन करने का सिलसिला शुरू हो गया था। पिछले साल प्रतिबंध के कारण जुलूस नहीं निकाले गए थे।

लंगड़े हाफ़िज़ की मस्जिद पर हुई सजावट ने खीचा बरबस अपने तरफ ध्यान

नई सड़क चौराहे पर स्थित मस्जिद लंगड़े हाफ़िज़ पर हुई सजावट ने बरबस ही अपने तरफ जायरीनो का ध्यान आकर्षित किया। सड़क से होकर गुजरने वाले हर एक शख्स की नज़र इस सजावट पर उठ जाती और उसकी जुबां से “वाह” लफ्ज़ खुद-ब-खुद निकल जाते। रंगीन छोटी छोटी लाइट से सजी मस्जिद के सजावट को देख कर हर एक जायरीन ने “सुभान अल्लाह” कहा उठा। खूबसूरती में ये मस्जिद पहले ही बेमिसाल है। उस पर इस शानदार तरीके से हुई सजावट ने इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा दिया। रोशनी से एक एक ज़र्रा ज़र्रा चमक रहा था।

मंचो से पढ़े गए सरकार की शान में नातिया कलाम

मुस्लिम समुदाय की ओर से मंगलवार को ईद-ए-मिलादुन्नबी मनाया जा रहा है। हर साल मुस्लिम कैलेंडर के अनुसार रवि उल अव्वल महीने की 12वीं तारीख को इस त्योहार को मुस्लिम समुदाय पुरे मन से हसी ख़ुशी मनाये है। इसकी पूर्व संध्या पर मस्जिदों मदरसों में जलसो के आयोजन का दौर चला। जिसमें तकरीर हुई। नातियाँ कलामो को शायरों ने पेश किया। मस्जिदों से लेकर घरों तक झालर व मोमबत्ती की रौशनी से जगमगा उठे है। शहर भर में महफिलों का सिलसिला शुरू है। इस दरमियान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में काफी चहल पहल देखने को मिल रही है। लोगो ने अपने घरो को रोशन कर रखा है। जगह जगह स्टेज बना कर नाते पढ़ी गई। लोग एक दुसरे को बधाईया दे रहे है। रात भर कार्यक्रमों का दौर चलता रहा।

pnn24.in

Recent Posts

शम्भू बॉर्डर पर धरनारत किसान ने सल्फाश खाकर किया आत्महत्या

तारिक खान डेस्क: खनौरी और शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का सब्र का…

8 hours ago

वर्ष 1978 में हुवे संभल दंगे की नए सिरे से होगी अब जांच, जाने क्या हुआ था वर्ष 1978 में और कौन था उस वक्त सरकार में

संजय ठाकुर डेस्क: संभल की जामा मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर…

11 hours ago