तारिक़ आज़मी
इन्टरनेट की दुनिया में आप बाबा जी भुत सर्च करते है तो आपको एक ढोंग और पाखण्ड करने वाले व्यक्ति का कई वीडियो उपलब्ध हो जायेगा। इन वीडियो को देख कर के आप पाखण्ड के साम्राज्य को समझ सकते है। एक व्यक्ति ढोंग का पूरा साम्राज्य फैलाते हुए लोगो के ऊपर से भुत उतारने का दावा करता हुआ मिल जायेगा और भुत भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि दर्जनों के हिसाब से रहता है।
कैसे हुआ मशहूर?
आज़म से आज़म बाबा फिर आज़म बाबा से निम्बू वाले बाबा और उसके बाद बाबा जी भुत बनने का इसका सफ़र बहुत ही रोचक है। इसने इस सफ़र की शुरुआत के लिए पूरी परफेक्ट प्लानिंग किया। दो टीमो का निर्माण हुआ। पहली टीम के साथ भुत उतारने का नाटक शुरू हुआ। दालमंडी स्थित कच्ची सराय से इसने भुत उतारने का ज़बरदस्त खेल चालु किया। रटी रटाई स्क्रिप्ट पर भुत उतरने लग गया और इसका वीडियो बनने लग गया। इस वीडियो की कैसेट बनाने के लिए बचाऊ का सहारा लिया जाता था। एक कैसेट चौक से डेवलप होती थी और उसी से बचाऊ को सौ कैसेट बनाने का ठेका मिल जाता था। बचाऊ को क्या, उनको सौ कैसेट का ठेका मिल रहा था और उसके पैसे मिल रहे थे।
सबसे बड़ा कमाल इसकी दूसरी टीम करती थी। जो गाव देहात के लोगो को बहला फुसला कर इसके पास लाती थी। उनके साथ अपना ढोंग करके अपनी फीस के 50 रूपये अधिक लेकर उन्हें ही अपनी कैसेट देता और उसको अपने गाव में सबको दिखाने के लिए कहता। ढोंग का साम्राज्य देखा देखी पुन्य और देखा देखी पाप के तर्ज पर बढ़ता गया। महीने में सौ कैसेट का आर्डर देने वाला बहुत ही जल्द दो सौ कैसेट प्रति सप्ताह बनवाने लग गया। पैसो की बारिश होने लग गयी और इसने साहुपुरी रोड पर अपना एक बड़ा सा आलिशान आश्रम खोल लिया।
अगले अंक में हम आपको बताएँगे कि किस प्रकार से यह ढोंगी बाबा कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकता है। जुड़े रहे हमारे साथ।
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