शाहीन बनारसी संग ए0 जावेद
वाराणसी। दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र के देह्लू गली के एक कारोबारी अहमद खान ने आज थाना दशाश्वमेघ पर एक लिखित तहरीर देते हुवे पुलिस से शिकायत किया है कि क्षेत्र के एक हिस्ट्रीशीटर मुन्ना धोबी और नई सड़क कपडा मार्किट का एक दुकानदार डब्लू उर्फ़ डीएम साहब उसकी दूकान पर अवैध कब्ज़ा करने की नीयत से उसे परेशान कर रहे है और धमकी दे रहे है। पुलिस तहरीर पर जाँच कर रही है।
शिकायतकर्ता अहमद खान ने अपनी शिकायत में पुलिस से गुहार लगाते हुवे कहा है कि डब्लू उर्फ़ डीएम साहब उसको धमकी देता है कि अगर हमारी बात नही मानी तो तुम्हे वैसे ही झूठे मामले में फंसा दूंगा जैसे स्थानीय व्यापारी नेता भोलू को फंसाया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस से गुहार लगाते हुवे डब्लू उर्फ़ डीएम साहब द्वारा किये जा रहे क्षेत्र में अवैध वसूली का ज़िक्र किया है।
कौन है डब्लू उर्फ़ डीएम साहब और मुन्ना अहमद उर्फ़ छुटकऊ
मुन्ना अहमद उर्फ़ छुटक़ऊ एक पुराना हिस्ट्रीशीटर है और काफी समय पहले उसका नाम दोहरे हत्याकांड में सामने आया था। इसके बाद वह कई अन्य मामलो में भी जेल गया था। पुलिस मुन्ना के हरकतों पर नज़र रखती है। वही डब्लू उर्फ़ डीएम साहब कथित रूप से एक समाज सेवक है और समाज संगठन नाम के संगठन का कार्यकर्ता होने का दावा करता है। डब्लू का दबदबा नई सड़क कपडा मार्किट में ज़बरदस्त है। थाने चौकी पर बढ़िया पकड़ के कारण वह इलाके में अपने रुतबे से काफी काम कर जाता है।
अभी विगत दिनों रमजान माह में लगे लॉकडाउन के समय ही इस युवक का विवाद इलाके के सभी दुकानदारों से हो गया था। दुकानदारों का आरोप था कि डब्लू उनको दूकान खोलने के एवज में पुलिस के नाम पर पैसो की मांग कर रहा था। विवाद मारपीट में बदल गया था। पुलिस ने इस प्रकरण में कुछ दुकानदारों पर शांति भंग की कार्यवाही किया था। डब्लू अचानक इस इलाके में उस समय पुलिस का चाहिता बन गया था जब तत्कालीन चौकी इंचार्ज शैलेन्द्र सिंह का क्षेत्रीय दुकानदारों से विवाद हुआ था। इस विवाद में पुलिस के तरफ से दर्ज ऍफ़आईआर में डब्लू बतौर गवाह है। इलाके में पुलिस को कोई अन्य स्वतंत्र गवाह न मिलने के दरमियान डब्लू बतौर स्वतंत्र गवाह पुलिस को मिला और फिर यहाँ से पुलिस का वह चहीता बनता गया।
क्या पुलिस को नही है इसके कारनामो की जानकारी
बेशक चौक और दशाश्वमेघ पुलिस को इसके करतूतों की जानकारी होती रहती है। मगर दिक्कत उस समय रहती है जब कोई शिकायतकर्ता सामने नही आता है। सिर्फ शिकायत सुनने में पुलिस को मिल जाती है। मगर शिकायत करने के लिए कोई भी लिखित तहरीर नही देता है। शायद यह पहली बार हुआ होगा कि कोई शिकायतकर्ता इसके खिलाफ खुल कर सामने आया है। क्षेत्र में गश्त करने वाले पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के साथ यह समाज संगठन का कार्ड लटका कर साथ में चल देता है। पुलिस इसको समाज संगठन का कार्यकर्ता समझ कर साथ में लेकर चलती है। दुकानदार और कारोबारी इसको पुलिस का करीबी मान लेते है और इसके बातो में आ जाते है।
क्यों पुलिस इसके खिलाफ कुछ करने में हिचकती है
ऐसा नही है कि पुलिस इसके खिलाफ कार्यवाही नही करना चाहती है। या फिर पुलिस इसके खिलाफ सख्त नही होती है। वर्तमान थाना प्रभारी निरीक्षक और एसीपी दशाश्वमेघ द्वारा इसके ऊपर सख्ती दिखाई गई और बेवजह थाने पर आने जाने के दरमियान रोक टोक शुरू कर दिया। सूत्र बताते है कि जैसे ही कोई इसके ऊपर सख्ती करता है तो ये झूठे नाम और पते के साथ झूठी शिकायते और गुमनाम शिकायती पत्र अधिकारियो को उस पुलिस कर्मी अथवा पुलिस अधिकारी के खिलाफ देने लगता है। जिससे वह अधिकारी और पुलिस कर्मी भी परेशान हो जाते है। बार बार एक झूठी शिकायत पर अपने उच्चाधिकारियों को अपनी सफाई देने में जो शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है वह अलग। शायद इसी कारण से इसके ऊपर स्थानीय पुलिस अधिकारी अथवा कर्मी कार्यवाही से हिचकते है।
बहरहाल, पहली बार इसके खिलाफ मिली लिखित शिकायत पर पुलिस ने जाँच चालु कर दिया है। वही एसीपी दशाश्वमेघ ने हमसे बात करते हुवे आम जनता से अपील किया है कि वह पुलिस के नाम पर किसी के भी दबाव में न आये और अगर कोई पुलिस के नाम पर पैसो की मांग करता है तो उसके सम्बन्ध में तत्काल स्थानीय पुलिस को सुचना दे।
आदिल अहमद डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में पांच गारंटियों को लागू करने…
आफताब फारुकी डेस्क: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गुरुवार को कई विकास परियोजनाएं का उद्घाटन…
आदिल अहमद डेस्क: कांग्रेस पार्टी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर नए आरोप…
आफताब फारुकी डेस्क: लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के पूर्वी बेका…
अनिल कुमार पटना: बिहार की राजधानी पटना में निर्माणाधीन मेट्रो टनल में मिट्टी निकालने वाली…
तारिक खान डेस्क: केरल के कासरगोड में थेय्यम उत्सव के दौरान अंजुथम्बलम मंदिर में पटाखे…