तारिक़ आज़मी संग शाहीन बनारसी
वाराणसी। विज्ञान के इस युग में आज भी अन्धविश्वास जिंदा है उसका कारण सिर्फ एक है कि देश में निम्बू बाबा जैसे ढोंगी और पाखंडी पड़े है। दीपावली के दिन वाराणसी में भतीजो द्वारा चाचा की हत्या के मामले में इस अन्धविश्वास ने अपना बड़ा काम किया। ये अन्धविश्वास ही था कि एक दीपक जलाने को लोगो ने जादू टोना का कारण समझ लिया और उस पर लेकर शुरू हुआ विवाद आखिर एक मौत का सबब बन गया।
असल में ये पाखण्ड की दुनिया है। जितना बड़ा ढोंग उतना बड़ा नाम और दौलत। बेशक धर्म और आस्था हमको जीवन जीने में बड़ी मदद करती है। मुश्किल समय में बड़ा मनोबल देती है कि कल ईश्वर/अल्लाह बेहतर कर देगा। ऐसे उम्मीद के सहारे हमारे बुरे वक्त कट जाते है। मगर इस दरमियान अगर हम किसी पाखंडी से मिल जाते है, तो फिर हमारी ज़िन्दगी में पाखंड की दुनिया आकर राज करने लगती है। इसमें हमारी दौलत पाखंडी के जेब की शोभा बनाने लगती है। भुत भगाने के नाम पर 10 किलो देसी घी फिर ढोंगी बाबाओ के दाल में छौका के काम आते है। पाखंड की दुनिया में दौलत बेशुमार है। बिना मेहनत के सिर्फ ढोंग रचकर ही दौलत इसी एक क्षेत्र में है।
मैंने एक ऐसे ढोंगी बाबा को देखा। घाट पर पैसे मांग रहा था। एक पर्यटक परिवार ने उसको दस की नोट दिया। दस की नोट उठा कर उसने एक रुपया मिलाते हुवे उस ढोंगी ने उस परिवार को वापस करते हुवे कहा कि “ले इसको रख ले और तू भी मेरे जैसा हो जा।” उसके इस शब्द के बाद वो परिवार परेशान हो गया और इस ढोंगी बाबा के पीछे-पीछे जाने लगा। आखिर में ढोंगी बाबा ने 500 रुपया उस परिवार से दक्षिणा के नाम पर लिया। जब उस ढोंगी बाबा के सम्बन्ध में जानकारी हासिल किया तो पता चला कि वो पहले माली था और अब बाबा बनकर लोगो से ढोंग करता रहता है।
ढोंग की इस दुनिया में एक बड़ा नाम है निम्बू वाले बाबा। इसका असली नाम शायद अब कम लोग ही जानते है और इसको निम्बू वाले बाबा के नाम से पुकारते है। इंटरनेट की मायावी दुनिया में भुत प्रेत भगाने का दावा करने वाला निम्बू वाले बाबा ने जन्म दालमंडी के कच्ची सराय क्षेत्र में लिया। जन्म के समय माँ बाप ने इसका नाम आज़म रखा था। मगर आज़म की अजमत इसके समझ से थोडा ऊपर गई और कच्ची सराय का आज़म कब निम्बू वाला बाबा बन गया, इसकी जानकारी क्षेत्र में तो किसी को नही है। मशहूर जंगी जुशादा वाले के ठीक पीछे रहने वाले आज़म ने अपना सफ़र पाखंड की दुनिया में कुछ इस प्रकार शुरू किया कि इसने दिन दुनी रात चौगुनी नहीं बल्कि दिन चौगुनी और रात आठ गुनी सफलता हासिल किया।
इंटरनेट की मायावी दुनिया में अपने पाखंड का वीडियो डालने वाला निम्बू बाबा अचानक से ही मशहूर होने लगा। मेडिकल साईंस में जिस बिमारी को मानसिक कहा जाता है और “मल्टिपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर” जैसा नाम दिया जाता है उस बिमारी को ये भुत का नाम देकर अब तक करोड़ नही बल्कि करोडो कमा चूका है। सीधे साधे भोले भाले लोगो को अपने पाखंड का शिकार बनाने वाले निम्बू वाले बाबा का अपना फेसबुक अकाउंट भी है। Babaji Nimbu Valey Garib Nawaz नाम से फेसबुक पेज बना कर खुद के पाखंड का वीडियो youtube पर पोस्ट कर निम्बू बाबा अचानक ही मशहूर हो गया। अपने परिजनों की मानसिक बिमारी से परेशान लोग इसके चंदौली जनपद के साहुपुरी रोड पर स्थित कथित आश्रम में आने लगे। देखते ही देखते सन्डे को लम्बी चौड़ी लाइन अब लगती है।
500 रुपया निश्चित फीस के बाद निम्बू बाबा अपने दर्शन करवाता है। शरीर पर महंगा कपडा, हाथो पर महँगी घडी, बेटा की हर 6 महीने में बदलती कार, ये सब ये ढोंग की दुनिया का ही खेल है। इसके बाद मरीज़ कोई भी हो उसके ऊपर दस बीस भुत प्रेत होने का दावा कर देता है। हर एक भुत को भगाने के लिए एक निश्चित जड़ी दिया जाता है। जिसकी कीमत 500 रुपया है। अब दस भुत है तो दस पुडिया जड़ी लेना पड़ेगा। जिसको खाने के बाद उल्टी होगी। इसके बाद भी निश्चित नही है कि भुत भागेगा। हो सकता है कि दुबारा आने पर उसके दुने भुत निकाल दिए जाए। हर एक आने वाले अन्धविश्वासी को जड़ी के साथ निम्बू भी कटवाना होता है। यहाँ निम्बू के लिए भी भारी दाम देना पड़ता है।
इसी पाखंड के शिकार एक शिकायतकर्ता ने इस निम्बू वाले बाबा की शिकायत पुलिस से वर्ष 2016 में किया था जिसके बाद निम्बू वाले बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इस मामले में दैनिक जागरण ने ज़बरदस्त खबर भी लिखा था। इसके बाद भी इसका पाखंड का खेल चलता ही रहा और आज भी बदस्तूर जारी है। खुद की सुरक्षा के लिए स्पेशल बाउंसर तक रखने वाले निम्बू वाले बाबा ने अपने घर के आसपास कैमरों के साथ माइक भी लगवा रखा है। जिससे कोई इसके बारे में कोई बात करे तो इसको जानकारी हासिल हो जाए।।।।। क्रमशः भाग 2
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