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दोहरे लाभ के लालच में अपने स्थान पर दूसरों को भेजने वाली बीएलओ चुनाव आयोग की आंखों में झोंक रही है धूल

सरताज खान

गाजियाबाद (लोनी)। चुनाव आयोग चुनावी प्रक्रिया को सरल व सदृढ़ बनाने के लिए प्रयासरत है। वह चाहता है कि चुनावों के समय उसकी पहुँच जमीनी स्तर तक हो और चुनाव की प्रक्रिया को बिना किसी परेशानी के सुलभ तरीके से चला सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हए चुनाव आयोग सभी चुनाव क्षेत्रों में बीएलओ (बूथ स्तर अधिकारी) की नियुक्ति करता है। इसी क्रम में आजकल लोनी क्षेत्र में उन्हे नियुक्त किया गया है। मगर सूत्रों की माने तो यहां कुछ बीएलओ निजी स्वार्थ के चलते अपने स्थान पर दूसरों से काम ले रहे है।

यहां तक की उनके रजिस्टर्ड फोन नंबर भी वेबसाइट पर दूसरों के पास है। बीएलओ की ऐसी कार्यप्रणाली चुनाव आयोग के अधीनस्थ अधिकारियों की जागरूकता पर उंगली उठाने जैसी बात है। गौरतलब हो कि बीएलओ किसी ऐसे व्यक्ति को बनाया जाता है जो सरकारी ढाचे का हिस्सा हो या फिर लोकल क्षेत्र में कार्यरत हो। जो चुनाव आयोग का जमीनी स्तर पर प्रतिनिधित्व करता है। जिसके सहयोग से यदि आपकी उम्र 18 साल से अधिक है तो आप वोटर आईडी कार्ड बनवा सकते हैं।

आपके क्षेत्र से संबंधित चुनाव की जानकारी व वोटर आईडी कैसे बनवाई जाए इसकी जानकारी के लिए आप बीएलओ से सहायता ले सकते हैं। बूथ लेवल ऑफिसर का यही कार्य होता है कि वह अपने क्षेत्र के सभी मतदाताओं की चुनाव व वोट से सबंधित समस्याओं को हल करे। इसलिए यदि आपको वोटर कार्ड या चुनाव से संबंधित कोई जानकारी चाहिए तो आप अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं।

मगर लोनी क्षेत्र में कुछ बीएलओ द्वारा दोहरा लाभ कमाने की नियत से अपने स्थान किसी दूसरे को भेजकर आम जनता के साथ-साथ चुनाव आयोग की आंखों में भी धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। चुनाव आयोग को चाहिए कि ऐसे बीएलओ की करतूतों का संज्ञान लेते हुए उनके विरुद्ध उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।

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