कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लखीमपुर कांड पर आई एसआईटी रिपोर्ट पर लोकसभा में कार्यस्थगन कर चर्चा हेतु दिया नोटिस, जाने क्या है इस रिपोर्ट में जिसने मचा दिया है सियासी भूचाल

तारिक़ आज़मी संग तारिक़ खान

डेस्क। लखीमपुर खीरी हिंसा में आये एसआईटी रिपोर्ट ने सियासत में भूचाल मचा दी। जेल में बंद केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा कथित तौर पर किसानों की हत्या को एक “सुनियोजित साजिश” बताए जाने वाली एसआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासत में हडकंप मच गया है। आज संसद में सरकार को विपक्षी दलों के कड़े तेवर का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सुबह एसआईटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया है।

कांग्रेस नेता ने अपने नोटिस में कहा है कि स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मोदी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद ने लिखा है कि “यूपी पुलिस की एसआईटी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि लखीमपुर में किसानों का नरसंहार एक पूर्व नियोजित साजिश थी, न कि कोई लापरवाही।” उन्होंने कहा कि “सरकार को गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए और पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए।”

क्या है एसआईटी रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी में पांच लोगों की हत्या दुर्घटना नहीं थी, साज़िश थी। इस साज़िश में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का भी नाम है बल्कि एसआईटी की रिपोर्ट में पहला नाम आशीष मिश्रा का ही है। एसआईटी की रिपोर्ट में 13 लोगों का नाम आया है। लखीमपुर में मर्डर के वीडियो को दुर्घटना की आड़ में खारिज किया जा रहा था। गोदी मीडिया की फौज किसानों की हत्या के इस वीडियो को खारिज करने के लिए किसानों को ही उग्रवादी बता रही थी।

एसआईटी की रिपोर्ट में साफ-साफ लिख दिया गया है कि किसानों की हत्या जानबूझ कर की गई थी। यह कोई दुर्घटना या लापरवाही नहीं थी। दलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह की हत्या की गई थी। थार जीप मंत्री अजय मिश्रा के नाम से दर्ज है। इसी जीप ने इन किसानों को पीछे से आकर कुचल दिया और इनकी हत्या हो गई। कई किसान घायल भी हो गए। एसआईटी की रिपोर्ट में 13 लोगों का नाम आया है। इनमें से कई लोग मंत्री अजय मिश्रा के गांव के हैं और कुछ लखीमपुरी खीरी के भी हैं। लखनऊ से भी हैं और गाज़ीपुर से हैं।

इस रिपोर्ट पर निरीक्षक विद्याराम दिवाकर के दस्तखत हैं जिन्होंने लिखा है कि अब तक की विवेचना और संकलित साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ कि उपरोक्त अभियुक्तगणों द्वारा आपराधिक कृत्य की लापरवाही एवं उपेक्षा से नहीं बल्कि जानबूझकर पहले से सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने के नियत से कारित किया है, जिससे पांच लोगों की मृत्यु हो गयी है और कई गम्भीर रूप से घायल हुये है एवं कई मजरूवों के फ्रैक्चर होना पाया गया।

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