तारिक़ आज़मी
मुंबई पुलिस द्वारा ‘बुली बाई’ ऐप की जांच के कुछ ही दिनों के भीतर की गई गिरफ्तारीयो ने उसको चर्चा प्रदान कर दिया है। वही दिल्ली पुलिस अपने ऊपर लग रहे सवालो के जवाब में केवल एक शब्द कहकर काम चला रही है कि “हम बड़ी मछली को पकड़ने के काफी करीब है।” दरअसल ये “बड़ी मछली से उसका तात्पर्य ऐप के निर्माणकर्ता के रूप में है। मगर यहाँ सवाल उठाना वाजिब है कि वर्ष 2018 से जिस “बड़ी मछली” को दिल्ली पुलिस नही पकड़ पाई है उसको आज अचानक कैसे पकड़ने की बात कह रही है।
अब मामला ये है कि जो दिल्ली पुलिस आज “बड़ी मछली” को पकड़ने के लिए बाते कर रही है, वही दिल्ली पुलिस को एक शिकायत और भी मिली है जिसके ऊपर जाँच चल रही है। यह रिपोर्ट है जेएनयु के लापता छात्र नजीब के माँ द्वारा दाखिल की गई जिसमे उस 52 साल की बुज़ुर्ग माँ जिसके बेटे का आज तक पुलिस और सीबीआई पता नही लगा सकी है की तस्वीर का नीलाम होना। बताते चले कि नजीब की गुमशुदगी पर पहले दिल्ली पुलिस और फिर बाद में सीबीआई ने जाँच किया, मगर जाँच रिपोर्ट में सीबीआई ने भी क्लोज़र दाल दिया और नजीब का आज भी पता नही चला है। ऐसे दुखियारी माँ की तस्वीर को इस ऐप पर नीलामी हेतु डाला गया था। इसको लानत जैसे लफ्ज़ से नवाज़ा जा सकता है। सुल्ली डील की जांच में देरी की बात पर दिल्ली पुलिस के पास जवाब तो ज़रूर उपलब्ध है। उसका कहना है कि एमएलएटी में समय लगता है। एक बार जब पुलिस द्वारा दस्तावेज तैयार कर लिए जाते हैं, तो अभियोजन पक्ष उनकी जांच करता है, जिसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार के गृह विभाग के पास भेजा जाता है, जो उन्हें मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजता है। फिर उन्हें वापस दिल्ली सरकार के पास भेज दिया जाता है जो फिर पुलिस को मिलता है। फिर न्यायिक प्रक्रिया के लिए पुलिस उसे अदालत के सामने पेश करती है और फिर उन्हें सीबीआई को भेजती है। केंद्रीय एजेंसी तब उन्हें इंटरपोल के साथ साझा करती है जो उन्हें अपनी नोडल एजेंसी के माध्यम से आवश्यक कार्रवाई के लिए न्याय विभाग को भेजती है।
इस कागज़ी खानापूर्ति को हम सब समझ सकते है। वही दिल्ली पुलिस का “बड़ी मछली” तक पहुचने के दावे को भी हम समझ सकते है। मगर सवाल ये है कि यदि दिल्ली पुलिस “सुल्ली डील्स” पर “छोटी मछलियों” यानी प्रचारकों पर ही सख्त होती तो आज कम से कम “बुल्ली बाई” जैसे विवाद उसके सामने नही होते। वही मुंबई पुलिस ने प्रचारक ही सही कार्यवाही तो किया। जो उसको दिल्ली पुलिस से एक कदम आगे के तरफ खड़ा करता है। बहरहाल, अब देखना ये है कि “बुल्लीबाई” वाली “बड़ी मछली” को दिल्ली पुलिस कब तक अपने जाल में लेती है। वही ट्वीटर के एक यूज़र्स ने आज दावा किया है कि उसने इस ऐप का निर्माण किया है। साथ ही उसने पुलिस को चैलेन्ज किया है कि वह उसको पकड़ के दिखाए। ऐसे में साख की बात को किया ही जा सकता है।
तारिक आज़मी डेस्क: प्रयागराज में कुम्भ मेले को बम से उड़ा देने की इन्स्टाग्राम आईडी…
सबा अंसारी डेस्क: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने…
ए0 जावेद वाराणसी: महिला सशक्तिकरण के इस दौर में कुछ महिलाओं ने अधिक ही खुद…
अनिल कुमार डेस्क: पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के…
फारुख हुसैन डेस्क: बीजेपी नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी पर दिए…
आदिल अहमद डेस्क: सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन के बाद दमिश्क एयपोर्ट से…