जाने क्या है डोर स्टेप वोटिंग और कौन दे सकता है अपने घर पर ही वोट
शाहीन बनारसी
डेस्क। चुनाव आयोग आज दोपहर ढलते ही 5 राज्यों में चुनावी बिगुल फुक देगा। उम्मीद पूरी है कि आज शाम से ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इन सबके बीच इस बार उत्तर प्रदेश चुनावो में पहली बार डोर स्टेप वोटिंग सिस्टम चुनाव आयोग लागू कर रहा है। चुनाव आयोग इसके पहले ये सुविधा झारखण्ड चुनावो में कर चूका है जिसमे कुछ वर्ग विशेष के वोटर्स को यह सुविधा थी कि वह घर से ही वोट दे सकते है। इस डोर स्टेप वोटिंग सिस्टम को चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश में पहली बार लागू कर रहा है। आइये हम आपको बताते है कि आखिर ये डोर स्टेप वोटिंग सिस्टम क्या है और इसका लाभ किसको मिलेगा।
चुनाव आयोग के एलान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पहली बार अब 80 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग वोटरों और कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों को घर से वोट देने की वैकल्पिक सुविधा देगा। डोरस्टेप वोटिंग का फॉर्मूला पोस्टल बैलट की सुविधा का अपग्रेड है। गौरतलब है कि भारत में पोस्टल बैलट की सुविधा पहले भी रही है। लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक इस सुविधा को सीमित स्तर पर ही मुहैया कराया है। यानी पोस्टल बैलट का इस्तेमाल पहले सिर्फ सैन्यबल- थलसेना, जलसेना और वायुसेना के सदस्य, भारत के बाहर से काम कर रहे सरकारी अफसर, उनकी पत्नियां और जिस राज्य में चुनाव हो रहे हैं, वहां ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मी ही उठा सकते थे। इसके लिए वे चुनाव आयोग की तरफ से दिए गए फॉर्म को भरकर पोस्ट से वोट कर सकते हैं।
दूसरे शब्दों में वो अपना वोट चुनाव आयोग को पोस्ट के जरिए भेज सकते हैं। डोरस्टेप वोटिंग के तहत अब 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना प्रभावित जो भी लोग वोट करना चाहेंगे, उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से फॉर्म मुहैया कराया जाएगा। इस नए प्रावधानों के तहत यह फॉर्म उन्हें बूथ स्तर के अफसर की तरफ से घर जाकर दिया जाएगा और इसके लिए तारीखों का एलान पहले से ही हो जाएगा। वोट करने वालों के नाम नोट किए जाएंगे और इन्हें राजनीतिक दलों को मुहैया कराया जाएगा, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रह सके। राजनीतिक दल इन नामों के आधार पर फर्जी वोटिंग न होना भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
हालांकि, पूरी प्रक्रिया में मतदान को गुप्त और निष्पक्ष रखने की कोशिश होगी। वोटर की तरफ से इन फॉर्म्स को भरने के बाद आयोग पोलिंग दलों का गठन करेगा। इन पोलिंग दलों की संख्या डोरस्टेप वोटिंग की मांग करने वालों के आधार पर तय की जाएगी। यही पोलिंग दल बाद में चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के लिए घर-घर जाएंगे और सीलबंद लिफाफे में रखे गए फॉर्म्स को जुटाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। घर से वोटिंग की सुविधा का फायदा उठाने वालों को बूथ वोटिंग का अवसर नहीं दिया जाएगा। डोरस्टेप वोटिंग के जरिए जुटाए गए मतों को बूथ पर होने वाली वोटिंग से जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।