बोले अखिलेश: जिन लोगों पर मुकदमे थे, उन्हें भाजपा ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री क्यों बनाया ? गोपालपुर अथवा मैनपुरी से लड़ सकते है अखिलेश चुनाव
आदिल अहमद
डेस्क। कडाके की ठण्ड में हो रहे सियासी सरगर्मी में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही सियासी सरगर्मियां बढ़ गई है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों ने अपने पहले चरण के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होना है। वही इन सब के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, समाजवादी पार्टी प्रमुख और आजमगढ़ (यूपी) से सांसद अखिलेश यादव चुनाव मैदान में होंगे।
हालाँकि अखिलेश अगर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो वह किस सीट से उम्मीदवार होंगे अभी इसका फैसला नहीं हुआ है। मगर अटकलों के दरमियान ये बात कही जा रही है कि वह मैनपुरी अथवा गोपालपुर से चुनाव लड़ सकते है। वही यूपी मंत्री मोहसिन रज़ा ने अखिलेश के विधानसभा चुनाव लड़ने के मामले में कहा है कि अखिलेश यादव मन से चुनाव तो नहीं लड़ने जा रहें बल्कि वो भरे मन से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री केशव को चुनाव लड़ाने की बात की तो इसे लेकर उनके पार्टी के सदस्य ने जरूर सवाल किया होगा कि आप क्यों नहीं चुनाव लड़ेंगे? मुझे नहीं लगता कि वो चुनाव लड़ना पसंद करते हैं, क्योंकि मैदान में जाने वाले लोग हमेशा मैदान में दिखते हैं।
बताते चले कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इससे पहले कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर अब्दुल्ला आजम सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं पर मुकदमे दर्ज कराएं हैं। नाहिद हसन पर दर्ज मुकदमे भी इसी श्रेणी के हैं। उन्होंने कहा कि सपा सरकार आई तो राजनीतिक मुकदमों की समीक्षा होगी और मनमाने तरीके से कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। वे मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सपा के कई लोगों व वरिष्ठ नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। रामपुर के एक डीएम ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए मनमाने तरीके से लगातार मुकदमे दर्ज करवाए। कृष्णा पटेल सपा के साथ आ गई तो उनके साथ भी अन्याय होने लगा है। उनके ट्रस्ट की जांच शुरू हो गई। सपा की मान्यता खत्म करने की दायर याचिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर मुकदमे थे, उन्हें भाजपा ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री क्यों बनाया। अगर गंभीर मुकदमों की बात हो तो भाजपा कभी चुनाव नहीं लड़ पाएगी।
उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भाजपा के लोग अन्नदाता को आतंकवादी कहते हैं तो किसानों द्वारा पैदा किया गया अनाज क्यों खाते हैं? किसानों के धान की लूट हो रही है। अभी गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है। कमाई आधी हो गई है और महंगाई दोगुनी बढ़ गई है। कहा, उनके साथ कई दलों का गठबंधन है। यही वजह है कि भाजपा डर गई है। यही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ आने से उसकी बौखलाहट भी बढ़ गई है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकारी उपक्रमों को बेच रही है नोटबंदी से प्रदेश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है और बैंक बंद हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सपा शासनकाल में हुए विभिन्न कार्यों को दोहराते हुए कहा कि सपा सरकार बनी तो बीपीएड डिग्रीधारियों, टीईटी, शिक्षामित्र समेत तमाम उन संगठनों की समस्याओं का समाधान होगा, जिन्होंने ज्ञापन दिया है। वही मंगलवार की सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अब्दुल्ला आजम ने मुलाकात किया था। दोनों के बीच करीब आधे घंटे बात हुई। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में कुछ सीटों को लेकर चर्चा हुई है। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य भी पहुंचे। फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, अब्दुल्ला आज़म और स्वामी प्रसाद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। इस दौरान स्वामी प्रसाद के साथ आए कई लोगों ने सपा की सदस्यता ली।